गल चुकी हैं ईंटें, दीवारों में होता है कंपन
पुलिस लाइन में स्थित वाहन शाखा के सामने और पुलिस अस्पताल के रास्ते सहित आसपास करीब चार दर्जन पुराने और अत्यंत जीर्ण-शीर्ण हो चुके सरकारी आवास हैं जिनमें अब भी पुलिसकर्मियों के परिवारों का डेरा हैं। इनमें से अधिकांश आवासों की दीवारों से बाहर छांकती ईंट गल चुकी हैं तो कई आवासों के दरवाजे, छप्पर जर्जर हालत में हैं। इनकी हालत यह है कि जब तेज हवा चलती है तो दीवारों में कंपन होने लगता है, वहीं दरवाजे और छप्पर से तेज आवाजें आती हैं और उनके उखड़कर गिरने का अंदेशा बढ़ जाता है।
यह हुआ था 6 जून को और पिछले साल
तेज आंधी ने 6 जून को पुलिस लाइन में काफी तबाही मचाई थी। तेज हवा के बवंडर ने सौ साल पुराने पीपल और अन्य दर्जन भर वृक्षों को धराशायी कर दिया था। इस दौरान करीब आधा दर्जन पुराने आवासों के छप्पर उखड़कर उड़ गए थे। वहीं कई टीनशेड भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। इससे पहले पिछले साल भी मानसून की आमद के साथ ही तेज बारिश और आंधी की चपेट में आने से एक आवास के छप्पर को सहारा देने वाली ईंट फर्श पर आ गिरी थी जिससे एक पुलिसकर्मी जख्मी हो गया था।
फिर दी जाएगी चेतावनी
जर्जर और कंडम घोषित सरकारी आवास खाली कराने के संबंध में आरआई रंजीत सिंह सिकरवार का कहना है कि पुलिस लाइन में आधे से ज्यादा पुलिसकर्मियों को नवीन आवासों में शिफ्ट किया जा चुका है। कुछ अन्य स्थानों पर किराए से रहने चले गए हैं। शहर में करीब अलग-अलग स्थानों पर पुलिस आवासों का निर्माण जारी है। जिनके बनते ही उन्हें भी शिफ्ट किया जाएगा। कंडम आवास खाली करने के सभी को नोटिस जारी किए गए हैं। जल्द ही आवास खाली कराने के लिए फिर चेतावनी दी जाएगी।
नए आवास जल्द तैयार हो जाएंगे
नवीन आवासों के निर्माण जारी है। जल्द ही वे बनकर तैयार हो जाएंगे। पुलिस लाइन में अधिकांश पुलिसकर्मियों को शिफ्ट किया जा चुका है। यदि कुछ अन्य लोग वहां अब भी रह रहे हैं तो उनकी शिफ्टिंग भी कराई जाएगी। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित करुंगा।
सतीश कुमार सक्सेना, आइजी सागर