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सागर

बारिश और हवा से बिखरीं गेहूं की बालियों के दाने

बारिश और हवा से बिखरीं गेहूं की बालियों के दाने

सागरMar 28, 2020 / 04:07 pm

manish Dubesy

बारिश और हवा से बिखरीं गेहूं की बालियों के दाने

बारिश और हवा से बिखरीं गेहूं की बालियों के दाने

देवरी कला. ओलावृष्टि बारिश के बाद पिछले 3 दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण किसानों के खेत में खड़ी फसलें अब जमी दोज होने लगी हैं। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींचती जा रही हैं। 15 दिनों से देवरी क्षेत्र में खेती किसानी का काम फसल पकने के बाद युद्ध स्तर पर शुरू हुआ था लेकिन लाक डाउन के चलते खेती किसानी पर भी बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है।
खेतों में अभी 70 फीसदी फसलें पककर कटने के लिए तैयार खड़ी हैं जिसमें गेहूं, चना की फसलें प्रमुख हैं। बारिश के कारण गेहूं और चना की फसल अब बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। गेहूं की बालियां टूट करगिर रहीं हैं। जो फसलें कटकर थ्रेसिंग के लिए खेतों में पड़ी है बारिश की मार से बर्बाद हो रही हैं। ज्यादा पैदावार होने वाली लहसुन और प्याज की फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। लाक डाउन के चलते मजदूर मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं।
जिन किसानों ने समय रहते खुदाई और कटाई कर ली है उनकी फसल बिक्री के इंतजार में खेतों में पड़ी-पड़ी खराब होने लगी है। अभी परिवहन नहीं हो पा रहा है।
यहां का अधिकांश लहसुन और प्याज महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उप्र, उड़ीसा कर्नाटका, तमिलनाडू आदि प्रांतों को भेजा जाता है। कृषि उपज मंडी सचिव डीसी डीसी लडिय़ा ने कहा कि उन्होंने 19 तारीख को चार्ज लिया था। अभी मैं बाहर हूं। मुझे मालूम नहीं है कि गेट पास बनाए जा रहे हैं या नहीं। आरटीओ की परमिशन के बाद ही व्यापारी उपज ले जा सकेंगे।
फसल पक कर तैयार
गौरझामर. मौसम बदलने के कारण तेज हवाएं भी चल रही है। किसानों ने बताया कि तेज हवा में गेहूं की बालियां खेतों में बिछ रही हैं और दाने टूट कर बिखर रहे हैं। गेहूं व चना की फसल लहलहा रही है।
खेतों में फसल पक कर तैयार है और फसल कटाई के लिए मजदूर भी नहीं मिल रहे हैं कुछ किसान तो खुद खेतों में कटाई का काम कर रहे है फिर भी काम अधूरा है। ऐसे में मौसम के करवट लेने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं। बारिश में भीगने से गेहूं के दाने बर्बाद हो जाएंगे। उनकी कटाई भी नहीं हो पाएगी और किसान की पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इन दिनों क्षेत्र में बाहर से हार्वेस्टर लाकर किसान कटाई करते थे मगर कोरोना वायरस के चलते हार्वेस्टर भी नहीं आ पा रहे हैं। अगर ऐसी ही माहौल रहा तो किसानों को खाने के लाले पड़ जाएंगे।
फसल को अब और धूप लगाने की जरूरत
राहतगढ़. बेमौसम बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है कृषक कपिल ठाकुर का कहना है कि फसलें बिल्कुल तैयार खड़ी है कटाई का काम निरंतर जारी है लेकिन इस बेमौसम की बारिश से अब परेशानी बढ़ गई है कम से कम 2 दिन की धूप तो लगेगी तब किसान का कार्य शुरू हो पाएगा सुबह से ही मौसम में ठंडक आ गई।

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