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अखिर कब जागेगा प्रशासन: दो मौतों के बाद भी नहीं कोई कार्रवाई, बड़े हादसे का है इंतजार?

शहर की सडक़ों पर चौबीसों घंटे दौड़ रहे तेज रफ्तार भारी वाहन, दिन में भी नहीं की जा रही नो एंट्री

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When will the administration wake up: No action even after two deaths, is a major accident awaited?

सर्वोदय चौराह से निकलते हुए भारी वाहन

बीना. शहर के बीचों-बीच से निकले रोड से चौबीसों घंटे भारी वाहन तेज रफ्तार में दौड़ रहे हैं और हादसों में लोगों की जान जा रही है। शुक्रवार की रात खुरई रोड स्थित ओवरब्रिज पर एक ट्रक की चपेट में आने से दो मोटर साइकिल सवार युवाओं की जान चली गई। इस घटना के बाद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है और भारी वाहन निकल रहे हैं। शायद और बड़े हादसे का इंतजार अधिकारी कर रहे हैं।
शहर की सबसे बड़ी समस्या भारी वाहन बने हुए हैं, जो चौबीसों घंटे शहर के अंदर से दौड़ रहे हैं। हादसे भी हो रहे हैं, लेकिन फिर भी दिन में नो एंट्री करने की कोई पहल नहीं की जा रही है। हालत यह है कि खुरई रोड, स्टेशन रोड, आगासौद रोड से निकल रहे भारी वाहनों के कारण छोटे वाहन चालकों का वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है। जितनी शहर की सडक़ों की क्षमता नहीं है, उससे कई गुना ज्यादा वजनी वाहन निकल रहे हैं, जो गांधी चौराहा, सर्वोदय चौराहा पर ठीक से मुड़ भी नहीं पाते हैं और जाम की स्थिति बनती है। कुछ माह पूर्व तत्कालीन एसडीएम देवेन्द्र प्रताप सिंह ने रिफाइनरी से निकलने वाले टैंकरों की शहर में एंट्री बंद करा दी थी, जिससे शहरवासियों को कुछ राहत मिली है।

त्योहारों पर भी नहीं दे रहे ध्यान
इन दिनों त्योहारी सीजन होने के कारण सडक़ों पर लोगों की आवाजाही ज्यादा रहती है और सडक़ों के बाजू से वाहन पार्क होने से सडक़ पर कम जगह बचती है, जहां से भारी वाहन निकल रहे हैं। इन जगहों पर हादसों की आशंका हमेेशा बनी रहती है।

ब्रिज से तेज रफ्तार में आ रहे वाहन
ओवरब्रिज से शहर तरफ ढाल पर तेज रफ्तार में भारी वाहन नीचे उतरते हैं, यदि अचानक कोई वाहन सामने आ जाए, तो नियंत्रण करना भी मुश्किल होगा। ब्रिज से उतरते समय भारी वाहन के अनियंत्रित होने पर कई लोगों को जान जाएगी, क्योंकि यहां दुकानें भी हैं और वाहन की संख्या भी ज्यादा रहती है।

पूर्व में थी नो एंट्री
कुछ वर्ष पूर्व तक शहर के अंदर दिन में नो एंट्री रहती थी और यह निर्णय लगातार हुए हादसों के बाद लिया गया था, लेकिन अब इस तरफ कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि पूर्व से कई गुना ज्यादा वाहन अब निकल रहे हैं, जिनमें पचास-पचास टन तक सामान भरा रहता है।

हादसा के बाद लोगों में आक्रोश, नो एंट्री की मांग
शुक्रवार की रात हुई दो मोटर साइकिल सवारों की मौत के बाद लोगों में आक्रोश है और नो एंट्री की मांग उठ रही है। इंद्रजीत सेन ने कहा कि बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हैं और अब प्रशासन को जल्द ही नो एंट्री करना चाहिए। विनोद नामदेव ने कहा कि ओवरलोड निकल रहे वाहनों पर कार्रवाई होना चाहिए और सभी बड़े वाहनों की एंट्री शहर में रात 11 के बजे के बाद होना चाहिए। आशीष चौबे ने कहा कि कम से कम त्योहारों पर तो शहर में रात 10 बजे तक नो एंट्री प्रशासन को करनी चाहिए।

कराएंगे व्यवस्था

शहर में नो एंट्री को लेकर और भारी वाहन शहर के बाहर से निकालने की व्यवस्था कराने प्रयास किया जाएगा।

विजय डेहरिया, एसडीएम, बीना