मोदी ने बिना नाम लिए राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि नामदार ने इंग्लैंड में एक कंपनी बनाई थी, जिसका नाम भी उनके कारनामों से मिलता-जुलता नजर आता है। कंपनी का नाम था बेकअप। बेक अप यानि की बेक ऑफिस ऑपरेशन। ये कभी सामने से ऑपरेशन नहीं करते, ये सदैव पर्दे के पीछे से ही ऑपरेशन करते है। इसे 2009 में ही बंद कर दिया। लेकिन अब पता चला कि उस कंपनी में जो नामदार के पार्टनर थे, उनको 2011 में सम मरीन पनडुब्बी बनाने का ठेका मिल गया भारत सरकार की तरफ से। सरकार उनकी, कंपनी का मालिक उनका दोस्त था।
मोदी ने कहा कांग्रेस के नामदार से जनता पूछ रही है आपको और आपके पार्टनर को तो सिर्फ दलाली का अनुभव था, या लाइजनिंग का अनुभव था। ये सम मरीन पनडुब्बी बनाने वाली लाइन में आप कैसे घुस गए, किसने मौका दिया? जब से कारनामा सामने आया है, तब से नामदार और सारे राग दरबारी कोप भवन में चले गए है। बोफोर्स हो, हेलीकेप्टर और अब सब मरीज पनडुब्बी, जितना खोदोगे, जल, थल, नभ से नामदारों के घोटाले खुलते जा रहे है।
इससे पहले मोदी ने कहा कि कांग्रेस को भी 2004 में अचानक मौका मिल गया था। तो राजकुमार की संभालने की स्थिति नहीं थी। खुद परिवार को भरोसा नहीं था। कांग्रेस को भरोसा नहीं था। इसीलिए राजकुमार के तैयार होने तक परिवार का बफादार वॉचमैन बैठाने की योजना बनाई गई। उन्होंने सोचा राजकुमार आज सीखेगा, कल सीखेगा, सब इंतजार करते रहे। भरपूर ट्रेनिंग भी दी गई, लेकिन सब कुछ बेकार हो गया। इस कोशिश में देश के 10 साल तबाह हो गए, बर्बाद हो गए। एक्टिंग पीएम रिमोट उनके पास नहीं था, कहीं और था। देश की चिंता छोड़ वह कुर्सी की चिंता में नहीं रहे।