scriptVIDEO : स्कूल का स्टाफ बदला तो फफक-फफककर रो पड़ीं छात्राएं | Why do students cry why in this school | Patrika News

VIDEO : स्कूल का स्टाफ बदला तो फफक-फफककर रो पड़ीं छात्राएं

locationसागरPublished: Jan 13, 2018 09:50:20 pm

विवाद को हल करने के लिए बीईओ ने बदला स्टाफ

Why do students cry why in this school

Why do students cry why in this school

सचिन तिवारी . बीना. बड़ी बजरिया माध्यमिक स्कूल में दो माह से चले आ रहे विवाद को बीईओ दिनेश यादव ने शनिवार को हल कर दिया। इस विवाद को हल करने के लिए उन्होंने स्कूल का पूरा स्टाफ ही बदल दिया। दूसरे स्कूलों से स्टाफ वहां भेजा गया है। जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो सके। स्कूल के शिक्षकों का तबादला होने की बात सुनते ही छात्राएं शिक्षकों से लिपट गईं और फफक-फफककर रोने लगीं। शिक्षकों की समझाइश के बाद वे शांत हुईं।

बीईओ ने स्कूल में पदस्थ एचएम यूके राय को हायर सेकंडरी स्कूल क्रमांक 2, राजेन्द्र गोस्वामी बीईओ ऑफिस, जुगल किशोर दुबे नानक वार्ड स्कूल, नीता नामदेव माध्यमिक स्कूल कन्या इटावा और मीना अहिरवार को माध्यमिक स्कूल क्रमांक एक में अटैच किया है। इन शिक्षकों की जगह मुकेश दुबे कन्या इटावा स्कूल, स्कूल क्रमांक 2 से एसएस शुक्ला, अतिशेष शिक्षक बलवंत खटीक बरौदिया घाट को बजरिया स्कूल में पदस्थ किया गया है। बजरिया स्कूल में एक अतिथि शिक्षक भी पदस्थ है। अतिथि शिक्षक सहित अब यह चार शिक्षक स्कूल में अध्यापन कार्य कराएंगे। बीईओ दिनेश यादव ने बताया कि लंबे समय से यहां विवाद चल रहा था और अब शिकायतें थाने तक पहुंचने लगी थीं, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई है। आगे की कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाएगी।

क्या है मामला
स्कूल में पदस्थ शिक्षिका मीना अहिरवार पर लगातार आरोप लगाए जा रहे थे कि उनके द्वारा स्टाफ को धमकी दी जा रही है और छात्राओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है। साथ ही एक छात्रा के साथ पैरों से पीटने का भी आरोप था। शुक्रवार की सुबह चार युवकों को भेजकर छात्राओं को धमकी भी दिलाने की शिकायत थाने में की गई थी और चार दिन पूर्व छात्राओं ने एसडीएम से भी शिकायत की थी। शिक्षिका द्वारा इन सभी आरोपों को नकारा जा रहा है। दो माह के विवाद के बाद शनिवार को कार्रवाई की गई।

कौन सही, कौन गलत नहीं बता पा रहे अधिकारी
छात्रा को पैरों से मारपीट करने के बाद डीईओ सहित अन्य अधिकारियों ने छात्राओं के बयान लिए थे। शिक्षकों से भी बात की गई थी, लेकिन दो माह बाद भी डीईओ द्वारा कोई कार्रवाईनहीं की गई। साथ ही वह यह भी पता नहीं लगा पाए कि आखिर स्कूल में गलत कौन है और यह स्थिति क्यों बनीं है। यदि अधिकारियों द्वारा पहले से ही इस मामले को गंभीरता से लिया गया होता तो शिक्षक और विद्यार्थियों को थाने तक पहुंचने की नौबत ही नहीं आती।

होगी कार्रवाई
वर्तमान में जो व्यवस्था की गई है वह विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए की गई है। इस मामले में जो शिक्षक गलत हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
संतोष शर्मा, डीईओ, सागर

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