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हम सशक्त हैं,जरूरत है खुद को पहचानने की

locationसागरPublished: Mar 09, 2021 09:20:54 pm

Submitted by:

Atul sharma

– अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर प्रबुध महिलाओं ने रखी बेबाकी से अपनी राय

हम सशक्त हैं,जरूरत है खुद को पहचानने की

हम सशक्त हैं,जरूरत है खुद को पहचानने की

सागर.अत्याचार के खिलाफ दम लगाने हैं हंसने नइया, अत्याचारों से डरना नइया। अपराधी को बिल्कुल नहीं छोड़ेने। जैसो हमनें करो वैसो सबको करने हैं। बड़े ही जोश के साथ यह अपनी वीरता एवं सजगता से कुकर्म को रोकने वाली सानौधा की श्रीबाई ने कही। मौका था पत्रिका और हीरो मोर्टस द्वारा आयोजित महिला दिवस कार्यक्रम का। ६६वें स्थापना दिवस के मौके पर पत्रिका के द्वारा ७ से १४ मार्च तक पत्रिका ग्लोबल फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत सोमवार को मकरोनिया स्थित एक होटल में महिला सशिक्तकरण पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शहर की महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और अधिकार को लेकर चिंतन और मनन किया गया। महिलाओं ने चर्चा की, अपने अनुभव साझा किए और सुझाव भी दिए।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी शहर की प्रबुद्ध महिलाओं ने अपनी राय रखी। जो काम हमनें करो वो सबकों करने हैं कार्यक्रम की मुख्यअतिथि श्रीबाई ने बताया कि वे खेत में काम कर रहीं थी, तभी एक महिला दौड़ते हुए आई जो पूरे कपड़े भी नहीं पहने थी। उसके पीछे तीन बदमाश थे। जिन्होंने मुझसे कहा कि इसे छोड़ दो वरना आग लगा देंगे, तब मैनें दम है तो आग मुझे लगाओ। हम मर जाएंगे लेकिन इस महिला को नहीं छोड़ेगे। मैने अपने बेटे को आवाज दी और पुलिस बुलवाई। पुलिस के सुपुर्द महिला को किया, बदमाश डर गए और भाग गए। श्रीबाई ने कहा कि जो काम हमनें करो है वो सबइ महिलाओं को करने हैं। हमें अत्याचारों से डरने नइया।
महिला सुने अपने मन की आवाज
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार शरद सिंह ने कहा कि हर महिला को अपने मन की आवज सुननी चाहिए। टैलेंट तो हर महिला में रहता है लेकिन वो अपने अंदर की आवाज सुन नहीं पाती है और जब तक हम अपने अंदर कि आवाज नहीं सुनेंगे तब तक हम निर्णय नहीं ले सकेंगे। इसलिए जरूरी है हर महिला अपने मन की आवाज को सुनें।
खूबसूरत सा खवाब है औरत
साहित्यकार वर्षा सिंह ने अपनी गजल से कार्यक्रम में समां बांध दिया। पूरा सभागार तालियों की गूंज उठा। उन्होंने कहा कि खूबसूरत सा खवाब है औरत, जुल्मतों का जवाब है औरत। इसको पढऩा जरा आहिस्ता से,प्यार की इक किताब है औरत। इस जहां के हजार कांटों में, इक महकता गुलाब है औरत।
जहां बाल विवाह को मुझे करें फोन
महिला जांबाज अधिकारी ज्योति तिवारी ने बताया कि वो पिछले दो वर्षों से महिला बाल विवाह रोकने में सतत प्रयासरत है। वर्तमान में विशेष किशोर पुलिस इकाई जिला सागर में कार्यरत हूं। अब तक ३१० बाल विवाह रोके हैं। अभी भी बेटियों को पढऩे नहीं दिया जा रहा है, उनकी शादी करा दी जाती है। लेकिन हम सबको मिलकर बाल विवाह रोकने के प्रयास करने होंगे। जहां भी बाल विवाह की सूचना मिले मुझे फोन करें। हम बाल विवाक को रोकेंगे।
देवी के रूप में हो पूजा
सेवानिृवत्त प्रो. डां चंचला दवे ने कहा कि महिला परिवार के हर संकट को हर लेती है। महिला के कोख से ही बेटे का जन्म होता है, तो फिर लड़कों और लड़कियों में असामनता क्यों। हर घर में देवी के रूप में महिला की पूजा की जानी चाहिए।
परिवार में मिले आगे बढऩे की प्रेरणा
डॉ. सरोज गुप्ता ने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए परिवार से प्रेरणा मिलनी चाहिए। हमनें भारतीय शिक्षा मण्डल की शुरूआत की तो हमारे शहर की ६०० महिलाएं जुड़ गई। आज वे अपने के विचारों को लिख रही हैं और संगोष्ठियों का आयोजन कर रही हैं। महिलाओं में इच्छा शक्ति हो तो वे सब कर सकती हैं।
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