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world milk day 2019 : पशु आहार के दाम बढऩे से खतरे में डेयरी उद्योग

locationसागरPublished: Jun 01, 2019 01:31:18 pm

लगातार बढ़ रही दूध की मांग, भूसे के दामों पर नहीं लगाम

world milk day 2019 : पशु आहार के दाम बढऩे से खतरे में डेयरी उद्योग

world milk day 2019 : पशु आहार के दाम बढऩे से खतरे में डेयरी उद्योग

सागर. आज एक जून को पूरे विश्व में विश्व दुग्ध दिवस मनाया जा रहा है। जिले में दूध का रेकार्ड उत्पादन हो रहा है। सागर में डेयरी उद्योग पिछले दस वर्षों से तेजी से फल-फूल रहा है। पिछले वर्षों में दूध के दामों में भले ही इजाफा हुआ है लेकिन मांग कम नहीं हुई है। सिरोंजा स्थित डेयरी प्लांट में ही हर दिन 20 हजार लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। इसके बावजूद बढ़ी मांग की वजह इंदौर से २५ हजार लीटर दूध मंगाया जाता है। यह आंकड़े तो सिर्फ सांची के पैकेट दूध के हैं। इसके अलावा बाजार, घरों में गाय और भैंस का दूध व्यापारी सप्लाई करते हैं और अन्य कंपनियों के पैकेट वाले दूध की भी मांग बढ़ी है। गाय और भैंसों से निकाला गया यह दूध शहर में ही बेचा जाता है। ऐसे में रोजाना औसतन एक लाख लीटर से ज्यादा दूध की खपत हो रही है।
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बुंदेलखंड दुग्ध संघ के सहायक महाप्रबंधक केएस मिश्रा ने बताया कि हर दिन प्लांट पर लगभग 20 हजार लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। जबकि सागर संभाग में दूध की खपत ज्यादा है, इसलिए इंदौर से भी दूध विक्रय के लिए प्रतिदिन मंगाया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में 25 प्रतिशत मांग बढ़ गई है, यह सिर्फ सांची दूध है। इसके अलावा बाजार में रोजाना हजारों लीटर दूध आता है। उन्होंने बताया कि गर्मियों के दिनों में प्लांट में श्रीखंड, लस्सी, मठा बेंचा जा रहा है। ग्राहकों की मांग के मुताबिक प्रोडक्ट तैयार होते हैं।

 

world milk day 2019


खतरे में डेयरी उद्योग

दुग्ध उत्पादन के इस क्षेत्र में पशुओं के खाने के लिए भूसा तक नहीं है। गर्मियों में भूसा के दाम आसमान पर हैं, जिसके चलते दूध के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। डेयरी उद्योग से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि वर्तमान में साढ़े चार रुपए प्रति किलो महंगे दामों में भूसा खरीदना पड़ रहा है। इसके पहले 3 रुपए प्रति किलो में भूसा मिलता था। जिसके चलते दूध के दाम बढ़े हैं। इसका मुख्य कारण यह माना जा रहा है कि किसानों ने भूसा उत्पादन के प्रति रुचि कम कर दी है। थे्रसर की जगह अब हार्वेस्टर से गहाई की जाती है, जिसके चलते भूसा नहीं मिल पाता। महंगे भूसे के चलते डेयरी उद्योग पर खतरा मंडराने लगा है।

7 सालों में 30 से 50 रुपए प्रति लीटर हुआ दूध
लगभग 60 वर्षों से डेयरी का व्यापार कर रहे व्यापारी सचिन गुप्ता ने बताया कि सात वर्षों में दूध के दामों में इजाफा हुआ है। 30 रुपए लीटर में बिकने वाला अच्छा दूध अब 50 रुपए लीटर बिक रहा है। हर साल लगभग 2 से 3 रुपए दूध के दाम बढ़ रहे हैं। पशुओं को खिलाने वाले उत्पाद महंगे हो गए हैं। साथ ही चारा और भूसा भी आसानी से नहीं मिलता। पशु आहार के दाम अधिक होने के कारण दूध के दाम बढ़ रहे हैं। पैकेट वाले दूध का इस्तेमाल भी अब घरों में बढ़ा है। शहर में लगभग 100 बड़ी डेयरी जहां से दूध बेचा जाता है। उन्होंने बताया कि लोग दूध से बनने वाले देशी आइटम जैसे रबड़ी, आइसक्रीम, दूध का हलवा और लस्सी को पसंद कर रहे हैं। गर्मियों में इनकी मांग अधिक बढ़ जाती है।

इसलिए मनाते हैं दुग्ध दिवस
आज वल्र्ड मिल्क डे है यानी विश्व दुग्ध दिवस है। 1 जून को पूरे विश्व में विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य दुग्ध का जन-जन तक प्रचार-प्रसार करना है। सबसे पहले 1 जून, 2001 को प्रथम विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया था। इसे मनाने के पीछे का मकसद ये है कि प्राकृतिक दूध के सभी पहलुओं के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता को और बढ़ाया जा सके। लोगों को दूध के बारे में अधिक जानकारी मिल सके।

दूध व अन्य उत्पाद के दाम
दूध 50 रुपए प्रति ली.
रबड़ी 300 रुपए किलो
हलवा 300 रुपए किलो
लस्सी 20-25 रुपए गिलास

ये हैं दूध पीने के फायदे
दूध शरीर के द्वारा जरूरी सभी पोषक तत्वों का एक बहुत अच्छा स्रोत है। जिसमें कैल्शियम , मैगनिशियम, जिंक, फॉसफोरस, ऑयोडीन, आइरन, पोटेशियम, फोलेट्स, विटामिन ए, विटामिन डी, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी12, प्रोटीन,स्वस्थ फैट आदि मौजूद होता है। ऊर्जायुक्त आहार होता है जो शरीर को तुरंत ऊर्जा उपलब्ध कराता है। उच्च गुणवत्ता के प्रोटीन सहित आवश्यक और गैर-आवश्यक अमीनो एसिड और फैटी एसिड मौजूद होता है।

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