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सेल्फी नहीं सेल्फ पर मास्टरी हासिल करने की है लोगों को जरूरत : स्वामी निरंजनानंद

locationसागरPublished: Sep 24, 2019 08:18:38 pm

– योग विभाग के विकास के साथ नए पाठयक्रम प्रारम्भ होंगे : कुलपति

सेल्फी नहीं सेल्फ पर मास्टरी हासिल करने की है लोगों को जरूरत : स्वामी निरंजनानंद

सेल्फी नहीं सेल्फ पर मास्टरी हासिल करने की है लोगों को जरूरत : स्वामी निरंजनानंद

 

सागर. आज के समय में लोगों ने सेल्फी पर मास्टरी हासिल कर ली है, आपको सेल्फी नहीं सेल्फ के लिए काम करना चाहिए। युनान में एक व्यक्ति था जो हमेशा अपनी परछाई देखता था। वही काम आप लोग कर रहे हो। यह बात
मंगलवार को डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में बिहार स्कूल आफ योग के संचालक एवं पदमभूषण स्वामी निरंजनानंद सरस्वती कही। स्वामी ने सेल्फी से सेल्फ को प्राप्त करने के लिए तीन उपाय बताए। बुद्धि, भावना एवं कमर््ंा में धर्माधारित ज्ञान।

स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने कहा कि योग एक विज्ञान सम्मत जीवन शैली है एवं तनाव जनित रोगों के कारण योग का अंतराष्ट्रीय स्तर पर बहुत प्रचार प्रसार हुआ है। आज लोग किसी रोग से ग्रस्त होने के बाद योग करते हैं और कुछ दिन करने के बाद उसे छोड़ देते हैं। योग केवल आसन या प्रणायाम नहीं है इसके बाद साधना आती है। एक सच्चा साधक वही है जो अपने लक्ष्य को निर्धारित करता है।

सागर को दी तीर्थ की संज्ञा
सागर को एक तीर्थ स्थान की संज्ञा देते हुए स्वामी निरंजनानंद ने कहा कि डॉ. हरीसिंह द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय का नाम विश्व में बड़े सम्मान से लिया जाता है दूसरे उनके गुरू स्वामी सत्यानन्द का सागर में जनकल्याण हेतु बार बार सागर में पधारना है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सागर के योगाचार्य विष्णु आर्य, जबलपुर के योगाचार्य एन आर भार्गव एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल राकेश मोहन जोशी थे। योगविभागाध्यक्ष प्रो. गणेश शंकर गिरि ने सभी का स्वागत किया। कुलपति आरपी तिवारी ने कहा कि योगविभाग में विकास के साथ साथ नए पाठयक्रम भी शुरू होंगे जो भविष्य में समाज कल्याण हेतु उपयोगी होंगे।

घटयोग पर लधुनाटिका

इस अवसर पर विभाग की शोध छात्रा मिस कोमल के निर्देशन में विद्यार्थियों द्वारा योगाभ्यास का प्रदर्शन किया गया जिसको सभी प्रतिभागियों ने तालियों से सराहा। दीपांशु के निर्देशन में घेरण्ड संहिता पर आधारित एक घटयोग पर लधुनाटिका का भी योग के छात्रों द्वारा मंचन किया गया। विश्वविद्यालय के पर्फ ामिंग आर्ट के विद्यार्थीयों ने बुन्देलखण्ड लोक नृत्य प्रस्तुत कर ढेर सारी तालीयां बटोरी। डॉं. अरूण साव ने संचालन एवं सभी का धन्यवाद कुलसचिव कर्नल जोशी ने माना।

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सन्यासी को समाज के सेवक के रूप में काम करना
मंगलवार को कार्यक्रम के तीसरे सत्र योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान में स्वामी निरंजनानंद ने कहा कि व्यक्ति को अपनी सामथ्र्य,कमजोरी,जरूरत और महत्व का आकलन करना चाहिए। इसके बाद इनके सकारात्मक विकास के लिए योग विधा को अंगीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सन्यासी को समाज के सेवक के रूप में काम करना चाहिए राजा के रूप में नहीं। इस मौके पर कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र चावला,कांग्रेस के प्रदेश सचिव अमित रामजी दुबे, सेवादल कांग्रेस अध्यक्ष सिंटू कटारे ने उनका स्वागत कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में हरगोविन्द विश्व, नारायण यादव, अनिल तिवारी,डॉ. आशुतोष गोस्वामी, डॉ. अनिल जैन, एड. दीपक पौराणिक, सुबोध आर्य, अमित गुप्ता ,महेश नेमा ,सुशील तिवारी बद्रीप्रसाद सोनी और रमेश सिंह ठाकुर आदि उपस्थित थे।

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