सागरPublished: Sep 17, 2018 10:02:21 am
sunil lakhera
पिछले वर्ष भी बारिश के मौसम में रोक दिया था काम, कभी भुगतान तो कभी अन्य वजहों से कछुआ चाल से चल रहा निर्माण कार्य
Zero Miles could not be made in the year
सागर. बहुप्रत्याशित और हजारों लोगों को प्रतिदिन प्रभावित करने वाले निर्माण कार्यों को भी जिले के जिम्मेदार गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। नगर निगम कार्यालय के पास स्थित जीरो माइल्स से मकरोनिया चौराहा की सड़क का निर्माण कार्य किसी मजाक से कम नहीं है।
जुलाई-2017 को इस मार्ग का निर्माण कार्य शुरू किया गया था लेकिन बाद में बारिश का मौसम आ जाने के कारण निर्माण कार्य रुकवा दिया गया। इसके बाद पूरे साल कभी एजेंसी का भुगतान रुकने तो कभी घटिया निर्माण कार्य के आरोप को लेकर काम बंद करवाया गया। इस बार बारिश का मौसम आने पर अघोषित रूप से दोबारा काम बंद किया गया। वर्तमान में कभी-कभी एजेंसी के कर्मचारी मार्ग पर काम करते दिखते हैं।
परेशान हैं राहगीर
बारिश के कारण सिविल लाइन चौराहा से मकरोनिया चौराहा तक के मार्ग में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। एजेंसी ने यहां पर औपचारिक तरीके से पेंचवर्क का कार्य किया है। सागर और मकरोनिया के बीच प्रतिदिन करीब २० हजार से ज्यादा लोगों की आवाजाही रहती है। दमोह, जबलपुर, छतरपुर, टीकमगढ़, नरसिंहपुर, बंडा, गढ़ाकोटा समेत अन्य जगहों के लिए इसी मार्ग से प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं जिन्हें हर क्षण यहां पर मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
नहीं निकला समस्या का हल
पीली कोठी पर राजघाट पेयजल की पाइपलाइनों में दर्जनों लीकेज हैं। यहां स्थिति यह है कि हर दो फीट पर एक गड्ढा निगम के जलप्रदाय विभाग की टीम द्वारा खोदा गया है। वर्तमान में यहां पर भले ही कोई नया लीकेज नहीं हैं लेकिन बीते तीन सालों से हर महीने में दो बार यहां पर लीकेज सुधार का कार्य होता है। यहां पर नई पाइपलाइन बिछाये जाने की बात कही थी, यही वजह है कि निर्माण एजेंसी ने यहां पर अब तक कोई भी कार्य नहीं किया है।
वर्तमान में ये कार्य चल रहे- मार्ग के दोनों ओर जल निकासी के लिए नाली निर्माण का कार्य चल रहा है। रोड डिवाइडर के तहत यहां पर लोहे की ग्रिल लगाई जा रही है। इससे व्यवस्था सुधरेंगी।
इधर साइन बोर्ड हटाए, काट दिए पेड़- मकरोनिया चौराहा से बहेरिया-बंडा मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य तेज हो गया है। रविवार को इस मार्ग पर निर्माण एजेंसी द्वारा चौड़ीकरण के कार्य में बाधा बन रहे पेड़ों को काटा गया। इसके साथ ही मकरोनिया चौराहा पर लगे बड़े-बड़े साइन बोर्ड को भी हटाया गया।