जब कॉलेज प्रबंधन ने दाेनाें छात्राआें की बात नहीं सुनी ताे छात्राआें ने डीआईआएस काे पत्र लिखकर अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी आैर पूरे मामले की जांच कराकर आराेपी अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दाेनाें छात्राआें ने अपने शिकायती पत्र में यह भी लिखा कि, इस घटना के बाद उन्हे कॉलेज में परेशान किया जाएगा इसलिए उन्हे किसी दूसरे कॉलेज में एडमिशन दिला दिया जाए। अब दाेनाें छात्राआें काे शहर के ही एक दूसरे कॉलेज में एडमिशन करा दिया गया है।
एेसे खुला मामला
दरअसल, यह घटना करीब एक सप्ताह पुरानी है। छात्राआें के मुताबिक, उन्हाेंने स्कूल के प्रिंसिपल से शिकायत की थी, लेकिन काेई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्हाेंने पूरी घटना बताई ताे परिवार के लाेगाें ने भी लाेक लाज के चलते, स्कूल बदलवाना ही बेहतर समझा। एेसे में जब उन्हें लगा कि काेई कार्रवाई नहीं हाे रही ताे उन्हें मजबूरन डीआईआएस काे पत्र लिखना पड़ा।
इस मामले में अब तक हुई कार्रवाई के बारे में जब पत्रिका ने डीआईआेएस राधा कृष्ण तिवारी से बात की ताे उन्हाेंने बताया कि कॉलेज से रिपाेर्ट मांग ली गई है। बुधवार शाम काे कॉलेज प्रबंधन ने भी इस घटना काे लेकर अपनी बैठक बुलाई है। वह खुद कॉलेज जाकर जांच कर चुके हैं। प्रिसिंपल की रिपाेर्ट आते ही इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हाल ही में गुरुग्राम हुई घटना ने बच्चाें की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया था, अब सहारनपुर के एचएेवी इंटर कॉलेज में सामने आ रही इस घटना ने बड़ा सवाल यह खड़ा कर दिया है कि जब छात्र-छात्राएं शिक्षा के मंदिर में ही सुरक्षित नहीं हैं ताे फिर इन्हें कहा भेजा जाए।