चुनाव में बसों से लेकर छोटे वाहन यानी एसयूवी कार तक की आवश्यकता होती है। प्रत्येक जिले में इसकी जिम्मेदारी प्रशासनिक तंत्र की होती है। आदर्श आचार संहिता लगने के बाद यह प्रशासनिक तंत्र चुनाव आयोग ( Election Commission ) के अधीन होता है। ऐसे में जिला निर्वाचन अधिकारी को पूरा अधिकार होता है कि वह किसी भी वाहन को अधिग्रहित कर सकते हैं। अगर हम अकेले सहारनपुर की बात करें तो यहां लोकसभा चुनाव ( Lok sabha elections 2024 ) संपन्न कराने के लिए करीब दो हजार वाहनों का अधिग्रहण होना है। इसके लिए प्रशासन ने परिवहन विभाग से सूची मांग ली है। परिवहन विभाग ने एसयूवी कारों से लेकर बसों तक की सूची और उनके स्वामियों के मोबाइल नंबर घक के पतों के साथ उपलब्ध करा दिए हैं।
ऐसे में प्रशासन किसी चुनाव में आवश्यकतानुसार आपके वाहन का अधिग्रहण कर सकता है। खास बात ये है कि आप अपना वाहन देने से इंकार नहीं कर सकते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके खिलाफ FIR तक दर्ज कराई जा सकती है। संभागीय परिवहन अधिकारी देवमणि ने इसकी पुष्टि की है।