दरअसल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे इमरान मसूद ने पिछले दिनों अपने आवास पर अपने समर्थकों की एक मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग में उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने की घोषणा कर दी थी। कांग्रेस को छोड़ने की घोषणा करने के साथ ही इमरान मसूद ने यह भी कह दिया था कि अब वह उत्तर प्रदेश में भाजपा को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी के साथ जाएंगे। उन्होंने कहा था अखिलेश यादव ने उन्हें बुलाया है इसके बाद वह अगला निर्णय करेंगे। इस बुलावे पर इमरान मसूद सहारनपुर देहात विधान सभा सीट से विधायक मसूद अख्तर के साथ लखनऊ पहुंचे थे। दो दिन तक लखनऊ में रहने के बाद दो बार अखिलेश यादव से इमरान मसूद की वार्ता हुई लेकिन समझौता नहीं हो सका।
इसके बाद इमरान मसूद वापस लौट आए थे और तभी से इमरान मसूद और मसूद अख्तर को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। लखनऊ से लौटने के बाद विधायक मसूद अख्तर ने अपना एक वीडियो वायरल किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि अखिलेश यादव ने उन्हें बुलाया था लेकिन उससे पहले ही सीटें घोषित कर दी गई। इसलिए वह लोग वापस लौट आए हैं उन्होंने अपनी वीडियो में यह भी कहा था कि अब अगर जनता चाहेगी तो वह चुनाव लड़ेगे भले ही उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़े लेकिन वह इमरान मसूद के साथ रहेंगे।
दो दिन पहले इमरान मसूद का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ जिस वीडियो में वह अपने समर्थकों को हिदायत देते हुए दिखाई देते हैं। इमरान मसूद इस वीडियो में कहते हैं कि मुझसे क्यों दूसरों के पैर पकड़वा रहे हो अगर मुस्लिमों तुम एकजुट हो जाओ तो सब मेरे पैर पकड़ते फिरेंगे। हालांकि इस वीडियो की सत्यता कितनी है इस पर अभी इमरान मसूद का बयान नहीं आया है लेकिन यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अब सोशल मीडिया पर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि इमरान मसूद बसपा का दामन थाम सकते हैं। अगर इमरान मसूद बसपा में जाते हैं तो सहारनपुर की सभी सातों सीटों पर चुनावी समीकरण गड़बड़ा जाएंगे। यह अलग बात है कि अभी तक इमरान मसूद की ओर से कोई भी बयान नहीं आया है। अब देखना यह होगा कि इमरान मसूद बसपा में जाते हैं या फिर निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरते हैं।