सहारनपुर के चिलकाना थाना पुलिस के अनुसार यह व्यक्ति बार-बार पुलिस को गलत सूचना दे रहा था। कह रहा था कि घर में बच्चे भूखे हैं लेकिन जब पता किया गया तो हैरान कर देने वाली बात सामने आई। राशन डीलर ने बताया कि, एक दिन पहले ही राजपाल काे 25 किलो चावल और 10 किलो गेहूं फ्री में दिया गया था। राजपाल के इस तरह झूठ बाेलने और गलत सूचना देने के आराेप में पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉक डाउन की घाेषणा की थी। लाेक डाउन के बीच काेई भूखा ना रहे और परिवार व्यक्ति तक राशन पहुंचें इसके लिए सरकार की ओर से राशन वितरण प्रणाली भी शुरू की गई। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपनी 112 टीम को भी इस कार्य में लगाया दिया। अनेक सामाजिक संस्थाएं भी इस कार्य में लगी हुई हैं और लोगों के घर-घर तक राशन और खाना पहुंचाया जा रहा है। इन सभी का उद्देश्य यही है कि हर जरुरतमंद तक मदद पहुंचे।
बावजूद इसके कुछ लोग इन सेवाओं का दुरूपयाेग करने से भी पीछे नहीं हट रहे। ऐसा ही एक मामला सहारनपुर में सामने आया है। यहां चिलकाना थाना पुलिस ने एक ऐसे ही शख्स काे गिरफ्तार किया है। इस व्यक्ति का नाम राजपाल पुत्र रुल्हा है। पुलिस के अऩुसार, राजपाल काे एक अप्रैल को 25 किलो चावल और 10 किलो गेहूं राशन के रूप में मिला था। इसके बाद भी राजपाल बार-बार पुलिस को फोन कर रहा था कि घर में राशन नहीं है और बच्चे भूखे हैं।
चिलकाना थाना पुलिस की मानें तो इसके बाद दाे अप्रैल को एक बार फिर 112 टीम इसके घर पहुंची और राशन का पैकेट देकर आई। बताया जाता है कि, तीन अप्रैल को एक बार फिर से राजपाल ने पुलिस को फोन किया और कहा कि घर में बच्चे भूखे हैं और राशन नहीं है। इस पर चिलकाना थाना प्रभारी ने इस व्यक्ति को भरोसा दिलाया कि कोई बात नहीं कल जब राशन की दुकान खुलेगी तो आपको गांव से ही राशन दिलवा दिया जाएगा। इस व्यक्ति ने 4 अप्रैल को एक बार फिर से थाना चिलकाना फोन किया और फिर से यही कहा कि राशन नहीं है बच्चे भूखे मर रहे हैं।
इस पर जब थानाध्यक्ष ने ग्राम प्रधान से बात की और इस व्यक्ति को राशन डीलर के यहां ले जाने के लिए कहा। यहीं से इस पूरे मामले में नया घटनाक्रम जुड़ गया। ग्राम प्रधान जब इस व्यक्ति को राशन डीलर के पास लेकर पहुंचा तो राशन डीलर ने बताया कि एक अप्रैल को ही राजपाल को 25 किलो चावल और 10 किलो गेहूं दिया गया था और कोई पैसा भी नहीं लिया गया था। इसी बीच यह भी पता चला कि दाे अप्रैल को पुलिस भी राजपाल के घर राशन पहुंचाकर आई थी।
इतना कुछ साफ हो जाने के बाद भी राज्यपाल के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई और उसे घर भेज दिया गया लेकिन इसके बाद फिर से राज्यपाल ने 112 पर कॉल कर दिया और फिर यही कहा कि राशन भिजवा दीजिए घर पर बच्चे भूखे हैं। राजपाल की इस बार-बार की गई गलती और पुलिस को गलत सूचना देने के आरोप में इस बार पुलिस ने से गिरफ्तार कर लिया है। धारा 151 के तहत पुलिस ने राजपाल का चालान किया है।