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जुमे की नमाज को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु अरशद मदनी ने किया ये ऐलान

locationसहारनपुरPublished: Mar 27, 2020 11:26:39 am

Submitted by:

lokesh verma

Highlights- अरशद मदनी बोले- मुसलमान जुमा की नमाज अपने घरों में ही अदा करें- कहा- पांचों नमाजों के साथ जुमा की नमाज के लिए भी यही दारुल उलूम का फतवा- कोरोना वायरस की बीमारी पूरी दुनिया के लिए आफत

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देवबंद. कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉडाउन है। शासन-प्रशासन लगातार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ घर में ही रहने की अपील कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं पिछले दो दिन में देखा जा रहा है कि कुछ मुस्लिम लोग सख्ती के बावजूद चोरी-छिपे नमाज पढ़ने मस्जिद पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि अब लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने के लिए मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना अरशद मदनी को आगे आना पड़ा है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दारुल उलूम देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सभी मुसलमान जुमे की नमाज अपने घरों में ही अदा करें। इसके साथ ही अगर जमात न हो सके तो घर पर ही जोहर की नमाज पढ़ें।
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मौलाना मदनी ने कहा कि यह कोरोना वायरस की बीमारी पूरी दुनिया के लिए आफत बन चुकी है। इस वायरस को फैलने से रोकना बेहद जरूरी है। अगर लोग भीड़ करेंगे तो इसके फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इससे लड़ने का सही तरीका यही है कि कुछ दिनों के लिए मुसलमान मस्जिदों में भी इकट्ठे होने से बचें। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि मस्जिदों को बंद कर दिया जाए।
मौलाना ने कहा कि मस्जिदों में अजान भी हो और जमात भी, लेकिन इस जमात में सिर्फ इमाम व मोअज्जिन के अलावा एक-दो मस्जिद के खादिम शामिल हों। बाकी सब लोग अपने-अपने घरों में ही नमाज अदा करें। पांचों नमाजों के साथ-साथ जुमा की नमाज के लिए भी यही हुक्म है। दारुल उलूम का फतवा भी यही कहता है। मौलाना ने दो टूक कहा कि अगर मुसलमान शासन प्रशासन के निर्देशों का पालन नहीं करेगा और जिद करेगा कि वह तो नमाज मस्जिदों में ही पढ़ेगा तो ऐसी सूरत में बीमारी को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन मस्जिदों में ताले भी लगा सकता है। फिर न अजान हो पाएगी और न ही जमात, जो हमारी बड़ी गलती होगी। मौलाना ने कहा कि जब पूरा देश लॉकडाउन है तो हमें भी बीमारी के खात्मे तक मस्जिदों में जाने से बचना चाहिए। इंशाल्लाह जब बीमारी दूर हो जाएगी तो फिर बाकायदा मस्जिदों में जमातें होंगी।
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