सुबह से ही चप्पे-चप्पे पर फाेर्स तैनात कर दी गई थी। सबसे अधिक फाेर्स कलक्ट्रेट के मुख्य गेट पर लगाई गई थी। यहां स्थानीय पुलिस के साथ-साथ पैरा मिल्ट्री फाेर्स काे भी लगाया गया था। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर फाेर्स लगाने के साथ-साथ शहर आने वाले रास्ताें पर पुलिस तैनात थी।
बावजूद इसके काफी संख्या में भीम आर्मी समर्थक महिलाएं पुरुष और युवा कलक्ट्रेट तिराहे पहुंचे जहां इन्हाेंने जाेरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इनकी मांग थी कि, दिल्ली में विस्थापित धार्मिक स्थल काे पुऩः उसी स्थान पर स्थापित कराया जाए और सहारनपुर में घुन्ना में हुए बवाल के बाद भीम आर्मी कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएं। अपनी इन्ही मांगाें काे लेकर प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे थे जिन्हे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार प्रदर्शनकारियाें में महिलाएं भी शामिल हैं। इन सभी काे पुलिस लाईन के परेड मैदान में बनाई गई अस्थाई जेल में रखा गया है। यहां सिटी मजिस्ट्रेट और अन्य अधिकारी हैं। दाेपहर बाद तक यहां फाेर्स की अभिरक्षा में कानूनी कार्यवाही काे आगे बढ़ाया गया। बाद में शाम करीब पांच बजे सभी काे निजी मुचलकों पर पाबंद कर छाेड़ दिया गया।
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