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दरअसल, बढ़ते कोरोना संक्रमम के बीच कुंभ मेले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं सोशल मीडिया पर सामने आ रही थी। पांच दिन में हरिद्वार में 2167 नए मामले सामने आने के बाद आशंका जताई जा रही थी कि हरिद्वार कुंभ की अवधि को घटाया जा सकता है। कुंभ मेले की अवधि घटाए जाने की चर्चाओं के बीच अब हरिद्वार के जिलाधिकारी ने सभी अटकलों को समाप्त करते हुए मीडिया को दिए एक बयान में कहा है कि कुंभ मेला जनवरी माह में शुरू होना था लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेला पहले ही लेट है और अप्रैल माह में शुरू किया गया। ऐसे में मेले की अवधि को अब कम नहीं किया जा सकता। जिलाधिकारी ने साफ कर दिया है कि मेले की अवधि कटाई जाने को लेकर सरकार की ओर से कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं।क्यों उड़ी चर्चाएं दरअसल इस मामले पर उत्तराखंड सरकार और धर्मगुरुओं के बीच 14 अप्रैल को एक बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद यह चर्चा फैल गई थी कि कुंभ मेले की अवधि को घटाया जा सकता है लेकिन इस बैठक में कुंभ मेले की अवधि घटाए जाने पर कोई निर्णय नहीं हुआ था।
उत्तराखंड सरकार ने कहा रोज नहीं हाे सकते 50 हजार टेस्ट
मार्च माह में हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को आदेश दिया था कि कुंभ मेले में आने वाली भीड़ को देखते हुए हर रोज 50 हजार टेस्ट किए जाएं। अब उत्तराखंड सरकार ने एक याचिका दाखिल करके हर रोज 50 हजार कोरोनावायरस टेस्ट रने में असमर्थता जाहिर की है। उत्तराखंड सरकार ने हाई कोर्ट से कहा है कि वह 31 मार्च को दिए गए अपने आदेश में बदलाव करें।
मार्च माह में हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को आदेश दिया था कि कुंभ मेले में आने वाली भीड़ को देखते हुए हर रोज 50 हजार टेस्ट किए जाएं। अब उत्तराखंड सरकार ने एक याचिका दाखिल करके हर रोज 50 हजार कोरोनावायरस टेस्ट रने में असमर्थता जाहिर की है। उत्तराखंड सरकार ने हाई कोर्ट से कहा है कि वह 31 मार्च को दिए गए अपने आदेश में बदलाव करें।
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