बताया जाता है कि शासन के आदेश पर विजिलेंस यानी उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के मेरठ थाने में हाजी इकबाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई 1 जून को हुई है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13,12 और 13 2 के तहत पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। विजिलेंस इनके खिलाफ जांच कर रही थी और विजिलेंस की जांच रिपोर्ट में यह बात साफ हो गई है कि हाजी इक़बाल के पास अपनी आय से कई हजार गुना संपत्ति मौजूद है।
अब इन्हीं रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज करके पूरे मामले की जांच शुरू की गई है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के अंतिम जिला सहारनपुर के मिर्जापुर थाना क्षेत्र के गांव मिर्जापुर पोल के रहने वाले हाजी इकबाल के खिलाफ वर्ष 2017 में खुली जांच के आदेश दिए गए थ। विजिलेंस ने अपनी खुली जांच में यह पाया था कि लोक सेवक के रूप में कार्य करते हुए इकबाल ने एक करोड़ 12 लाख ₹16278 की आय जुटाई जबकि इसी अवधि में उनकी परिसंपत्तियों अर्जित करने और भरण पोषण करने में 6 करोड़ 91 लाख रुपए खर्च हुए।
इस तरह हाजी इक़बाल ने अपनी आय से करीब 5 करोड़ से भी अधिक रुपए खर्च कर दिए। बताया जता हैं जब इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। यह रकम कहां से आई इसका भी ब्यौरा हाजी इकबाल नहीं दे पाए। अब प्रथम दृष्टया उन्हें दोषी मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। बता दें कि हाजी इकबाल के खिलाफ सहारनपुर पुलिस ने भी गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था और उनकी करोड़ों रुपए की संपत्ति सीज कर कर दी थी। अब विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद हाजी इकबाल की मुश्किलें और बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं।