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अब बाजार से पेट दर्द, बुखार समेत अन्य बीमारियों की खरीदी ये दवाएं तो पड़ सकते हैं लेने के देने

locationसहारनपुरPublished: Jan 17, 2019 05:12:26 pm

Submitted by:

Nitin Sharma

मार्केट में पिछले 15 साल से चल रही है यह दवार्इयां

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अब बाजार से पेट दर्द, बुखार समेत अन्य बीमारियों की खरीदी ये दवाएं तो पड़ सकते हैं लेने के देने

सहारनपुर।अगर आप भी पेट दर्द, बुखार आैर ब्लड प्रेशर जैसी छोटी बीमारियों के लिए खुद ही पुराने समय से दवार्इ लेते आ रहे है, तो जरा जांच लें।कहीं एेसा न हो कि आपको इस दवार्इ को खाने के बाद लेने के देने पड़ जाये।इसकी वजह 15 सालों से बन रही ये दवाआें को सरकार द्वारा बैन किया जाना है।15 साल से पेटदर्द, बुखार, ब्लड प्रेशर और अनिद्रा जैसी बीमारियों की 80 दवाएं ऐसी हैं, जिन्हें बनाने या बेचने की अनुमति केंद्र सरकार से नहीं ली गई थी। इसके बाद भी ये दवाएं बन रही थी।जिस पर अब बैन लग गया है।इसकी वजह रिसर्च में इन दवार्इयों से शरीर को नुकसान होना बताया गया है।

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इस साल से इन दवार्इयों पर लगा बैन

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार बैन होने वाली इन दवार्इयों की संख्या एक या दो नहीं बल्कि 80 के आसपास है।जो अब तक धड़ल्ले से मार्केट के बेची जा रही थी। पेट दर्द आैर बुखार समेत बीपी की इन दवार्इयों को लोग बिना डाॅक्टर से पूछे भी खा लेते थे।लेकिन अब सरकार ने इन दवार्इयों को मार्केट से हटाने के लिए 11 जनवरी से बैन कर दिया है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाएं बैन करने का गजट नोटिफिकेशन छपने के लिए भेज दिया था।वहीं बैन होने वाली ये दवाएं दूसरी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले सॉल्ट से मिलकर बनाई जा रही थी।जिसे सेहत के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है।

अब दवार्इ मार्केट में उतारने से पहले यहां से लेनी पड़ती है अनुमति

वहीं सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) के एक अधिकारी ने बताया कि नर्इ दवा को मार्केट में उतारने से पहले सीडीएससीओ से अनुमति लेनी पड़ती है।अनुमति देने से पहले सीडीएससीओ उस दवा की क्वालिटी और शरीर पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करती है। लेकिन इन 80 दवाओं को बनाने के लिए अनुमति नहीं ली गई थी।इन्हें इस्टेट ड्रग्स कंट्रोलर ने अपने स्तर पर कंपनियों को मंजूरी दे दी थी।वहीं सहारनपुर ड्रग इंस्पेक्टर रमेश कुमार यादव ने बताया कि हमें अभी तक इस तरह का कोर्इ पत्र नहीं मिला है।अगर यह इस तरह का कोर्इ नोटिस मिलता है, तो उसका पालन कर एेसी दवार्इयों को बंद कराया जाएगा।

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