हकीकत जानने के लिए पत्रिका की टीम रेलवे स्टेशऩ पर पहुंची ताे यहां ऐसे कई बच्चे मिले, जाे नशे में थे आैर फ्लूड सूंघ रहे थे। इन बच्चाें से जब पत्बारिका टीम ने बात की तो इन्हाेंने बताया कि अब वे इस नशें के आदि हाे चुके हैं आैर इसके बिना रह नहीं सकते। इनसे जब पूछा कि आखिर यह नशीला पदार्थ उन्हें मिलता कहां से है ? तो बच्चाें ने बताया कि सामने सरदार की दुकान से खरीदता हूं। चलाे वहां जाकर जितना चाहो ले लाे। इस पर पत्रिका टीम ने जब बच्चों से कहा चलाें हमारे साथ खरीददकर दिखाआे। इस तरह पत्रिका टीम ने एक करीब आठ साल के बच्चे हरि काे दुकान पर भेजा। हरि ने कैमरे के सामने बताया कि वह ट्य़ूब से नशा करता है आैर सरदार की दुकान से ट्यूब मिलती है। हमने इस बच्चे काे दुकान पर इसलिए भेजा,कियोंकि हम यह देखना चाहते कि क्या काेई व्यापारी मामूली लालच में मासूम बच्चे काे एेसी ट्यूब बेच सकता है, जिससे नशा किया जाता हाे ?
हमारा शक सही निकला आैर बच्चे काे अंबाला राेड पर गंगाेह अड्डे के सामने एक दुकान से यह ट्यूब 45 रुपए में बेच दी गई। इस ट्यूब पर काेई एमआरपी नहीं थी। बच्चे ने बताया कि वह हर राेज इसी दुकान से ट्यूब खरीदता है आैर इसमें काेई परेशानी का बात नहीं है। अभी यह बच्चा ट्यूब खरीद ही रहा था कि एक आैर किशाेर यहां ट्यूब लेने आ गया, लेकिन अब दुकानदार ने कैमरा देख लिया था आैर उसने दूसरे बच्चे काे ट्यूब देने से इनकार कर दिया। इससे साफ है कि दुकानदार काे पता था कि वह गलत कर रहा है, लेकिन वह जान बूझकर मामूली मुनाफे के लिए बच्चों नशे का सामान बेच रहा है।
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कैमरा देख सेल्समैन काे डांटने लगा दुकानदार
जब बच्चे ने स्लोशन खरीद ली ताे हम दुकान पर पहुंचे आैर हमने वह ट्यूब वापस कराते हुए बच्चे काे पैसे वापस दिलाएं, जब दुकान मालिक ने देखा कि बच्चे काे ट्यूब देते हुए वीडियाे बना ली गई है ताे दुकान के मालिक अपने सेल्समैन काे डांटना शुरू कर दिया। मालिक ने कहा कि जब तुम्हें पता है कि यह बच्चे ट्यूब से नशा करते हैं ताे इन बच्चाें काे ट्यूब क्याें बेचते हाे। इसके बाद दुकानदार ने बच्चे काे भी डांटा आैर कहा कि आगे से तुम ट्यूब लेने नहीं आआेगे। दुकान मालिक की इस डांट ने यह साबित कर दिया कि खुद दुकान स्वामी आैर सेल्समैन दाेनाें काे यह जानकारी थी कि बच्चे इस ट्यूब से नशा करते हैं। बावजूद इसके थाेड़े से लालच की खातिर बच्चाें के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। सवाल यह है कि व्यापारी जाे खुद काे समाज का जिम्मेदार अंग बताते नहीं थकते, क्या उन्हे एेसा करना चाहिए ? यदि यह व्यापारी पहले दिन ही इस बच्चे काे डांट देते ताे शायद यह बच्चा आज नशे का आदि नहीं हुआ हाेता।
एेसे व्यपारियाें पर हाे कार्रवाई
हमने सिर्फ सच्चाई काे उजागर किया, यह सच्चाई जानकर सहारनपुर के ही व्यापारी नेताआें ने एेसे व्यापारियाें के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। व्यापारी नेता विमल विरमानी ने कहा है कि एेसे व्यापारियाें काे चेतावनी दी जाए आैर अगर इसके बाद भी वह एेसा करते हैं ताे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। व्यापारी नेता शीतल टंडन कहते हैं बच्चे देश का भविष्य हैं आैर इन बच्चाें काे अगर काेई व्यापारी एेसी काेई वस्तु बेचता है है जाे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नशे के काम आती है ताे एेसे व्यपारियाें के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर प्रशासन एेसा करता है ताे व्यापारी संगठन प्रशासन के साथ खड़े हाेंगे ना कि उस कथित व्यापारी के साथ।