scriptबड़ी खबर: डीआईजी के बेटे का टॉयलेट साफ नहीं करने पर कर्मचारी का तबादला | Constable transferred after refuses to clean toilet of UP Police DIG | Patrika News

बड़ी खबर: डीआईजी के बेटे का टॉयलेट साफ नहीं करने पर कर्मचारी का तबादला

locationसहारनपुरPublished: Jan 24, 2018 05:29:22 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

डीआईजी के बेटे का टॉयलेट साफ करने से कर्मचारी ने किया इनकार तो गया तबादला।

Constable transferred after refuses to clean toilet of UP Police DIG
सहारनपुर। पुलिस थानों में उत्पीड़न के आरोप पुराने हो गए हैं, ताजा मामला डीआईजी के घर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के उत्पीड़न का है। आरोप है कि जब एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने डीआईजी के बेटे का टॉयलेट साफ करने से मना कर दिया तो उसका दूसरे जिले में ट्रांसफर कर दिया गया। इतना ही नहीं आरोप यह भी है कि एक अन्य कर्मचारी को ऑपरेशन के बाद रेस्ट करने तक के लिए छुट्टी नहीं दी गई और जब उसने मांगी तो उसका भी गैर जनपद तबादला कर दिया गया। अब संगठन के माध्यम से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने सहारनपुर डीआईजी केएस इमैनुअल पर यह आरोप लगाते हुए अपनी आवाज उठाने की कोशिश की है। इस दौरान जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने अपने उत्पीड़न कि यह कहानी सुनाई तो अन्य कर्मचारी भी बोल उठे और उन्होंने भी कहा कि पुलिस अफसरों के आवास पर उनका उत्पीड़न होता है और 4-4 कर्मचारियों का काम अकेले आदमी से कराया जाता है।
ऐसे सामने आया मामला

सहारनपुर के गांधी पार्क में चतुर्थ श्रेणी पुलिस परिवार वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश का एक कार्यक्रम था। एसोसिएशन के प्रदेश संगठन मंत्री विजय मोगा के नेतृत्व में यहां पर एक बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रदीप शर्मा ने आरोप लगाया कि डीआईजी के बेटे की लैट्रिन साफ न करने पर पहले उनका तबादला पहले गंगोह और फिर शामली कर दिया गया। एक अन्य कर्मचारी ने आरोप लगाया कि जब उसने ऑपरेशन के बाद आराम करने के लिए छुट्टी मांगी तो उसका भी गैर जनपद तबादला कर दिया गया। जब फालोवर प्रदीप शर्मा ने डीआईजी पर यह आरोप लगाए तो यहां हर कोई हैरान रह गया और संगठन के पदाधिकारियों ने इस मामले को लखनऊ तक उठाने की बात कही। प्रदेश के संगठन मंत्री विजय मोगा ने कहा कि अनुशासन के नाम पर पुलिस अफसरों के आवास पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जाता है। इस उत्पीड़न को किसी भी रूप में अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी बैठक में सभी कर्मचारियों और संगठन के पदाधिकारियों ने इन मामलों की शिकायत प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखा, जिसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के इस तरह के उत्पीड़न को रोके जाने की मांग की। इस मौके पर प्रदीप शर्मा, जय किशन, रिशिपाल, सुभाष और राजेंद्र मुन्ना आदि मौजूद रहे।
डीआईजी ने आरोपों को बताया निराधार

सहारनपुर डीआईजी के एस इमैनुअल का कहना है कि सभी आरोप निराधार हैं। तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले किए गए हैं और यह सभी तबादले जिलों से आई रिपोर्ट के आधार पर किए गए हैं।
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