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इस दौरान निर्माण करने वाली टीम की निशानदेही पर पिलर भी खड़े कर दिए गए। खेतों में खड़ी किसानों की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया गया और जेसीबी से रास्ता बना दिया गया । इस दौरान किसानों ने विरोध भी किया लेकिन प्रशासन पूरी तैयारी से मौके पर पहुंचा था और भारी फोर्स लगाई गई थी। इस दौरान फोर्स और किसानों के बीच तनातनी भी हुई। यह भी पढ़ें
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दिल्ली से सहारनपुर के बीच रेलवे के दोहरीकरण का कार्य चल रहा है। 2011 में यहां जमीनों का अधिग्रहण हुआ था लेकिन लाखनाैर और बेलड़ा जुनरदार व सूभरी के किसान अधिक मुआवजा मांग रहे थे। करीब 90 किसान ऐसे थे जो अपनी जमीन नहीं दे रहे थे। इन किसानों ने साफ तौर पर अपनी जमीन पर कब्जा देने से इनकार कर दिया था। इसको लेकर कई बार किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच मीटिंग भी हुई लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला। यह भी पढ़ें