scriptमदरसा दारुल उलुम देवबन्द में फहराया गया अब तक का सबसे ऊंचा झंडा | Darul uloom deoband flag off and celebrate independence | Patrika News

मदरसा दारुल उलुम देवबन्द में फहराया गया अब तक का सबसे ऊंचा झंडा

locationसहारनपुरPublished: Aug 15, 2019 06:11:52 pm

Submitted by:

Iftekhar

जमीयत उलेमा के मुखिया बोले, इससे समाज में जाएगा सकारात्मक संदेश
हिन्दुओं को भी मदरसे के कार्यकर्म में बुलाने का लिया फैसला

deoband

 

देवबन्द. इस्लामी तालीम के सबसे अजीम मरकज दारुल उलूम देवबंद में गुरुवार को देश के 73वीं आजादी की वर्षगांठ पर एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वैसे तो दारुल उलूम में आजादी के बाद से ही हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण होता आया है। लेकिन, 15 अगस्त 2019 दारुल उलूम के लिए कुछ विशेष है, क्योंकि आज इस के प्रांगण में जो जश्ने आजादी समारोह कार्यक्रम हो रहा है, वह अपने आप में अनूठा है। दारुल उलूम जैसे अजीम मरकज की इस पहल से ऐसा समझा जा रहा है कि पूरे देश में बहुत ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे और इससे हिंदू-मुस्लिम भाईचारा काफी मजबूत होगा। दारुल उलूम के प्रांगण में जिलाधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उसके बाद सभी ने राष्ट्र गान गाया। इस मौके पर जमियत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक म्रदासी, एसएसपी दिनेश कुमार पी मौजूद रहे।

इस मौके पर मौलाना अरशद मदनी ने बताया कि यह प्रोग्राम यहां हर साल होता था। उन्होंने कहा कि इस मौके पर मैं प्यार और मोहब्बत का संदेश देना चाहता हूं। नफरत की सियासत नहीं होनी चाहिए। हम नफरत की सियासत की निंदा करते हैं। प्यार और मोहब्बत के लिए हम अपनी जान भी कुर्बान करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जब डीएम साहब दारुल उलूम आए थे। तभी यह बात उसी दिन तय हो गई थी कि आप आये और झंडा फहराएं। उन्होंने कहा कि हमें तिरंगे से कोई बैर नहीं है। उन्होंने कहा कि तिरंगा दारुल उलूम का ही तो झंडा है। उन्होंने कहा कि इससे यह संदेश जाएगा कि हर मदरसे को झंडा फहराना चाहिए। हम तो कहते हैं कि एडमिनिस्टर को बुलाओ उनको दिखलाओ और उनको बताओ कि क्या शिक्षा देते हैं।


मदरसे को लेकर फैलाए जा रहे दुष्प्रचार पर उन्होंने कहा कि हमने यह तय किया है कि हिंदू भाइयों को साल में एक दो बार उनको बताया और दिखाया जाए कि मदरसे के अंदर क्या पढ़ाई होती है। लेकिन यह काम मदरसे के जिममेदार नहीं करते हैं। अब दारुल उलूम कर रहा है। तो लोगों के अंदर यह भावना पैदा होगी कि हम भी इसे फॉलो करें। इससे हिन्दू और मुसलमानों के बीच अविश्वास खत्म होगा। उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि इसके बाद आम तरीके से भी लोगों तक यह बात पहुंचाएंगे।

सहारनपुर के जिलाधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने कहा कि 15 अगस्त हम सभी का स्वाधीनता दिवस है। मैं दारुल उलूम के इस कैंपस में हजरत मौलाना साहब के साथ मैंने झंडा रोहन किया और अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझ रहा हूं कि दारुल उलूम जैसी संस्था ने यहां पर बहुत शानदार कार्यक्रम किया है और जो तलवा है उन सब का साथ मिला, मैं बहुत खुश हूं।

ट्रेंडिंग वीडियो