script10 नवंबर से खुलेगा दारुल उलूम, देशभर के छात्रों को राहत देते हुए लिया गया बड़ा फैसला | Decision to open Darul Uloom Deoband from 10 November | Patrika News

10 नवंबर से खुलेगा दारुल उलूम, देशभर के छात्रों को राहत देते हुए लिया गया बड़ा फैसला

locationसहारनपुरPublished: Oct 14, 2020 11:04:28 am

Submitted by:

lokesh verma

Highlights
– मजलिस-ए-शूरा में दारुल उलूम को नवंबर में खोलने पर बनी सहमति
– वार्षिक बजट समेत कई अहम मुद्दों पर फैसला नहीं
– सरकार की गाइडलाइंस के तहत खोला जाएगा दारुल उलूम

देवबंद. विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद की तीन दिवसीय मजलिस-ए-शूरा में देशभर के छात्रों को राहत देने वाला निर्णय लिया गया है। कोरोना महामारी के कारण छह महीने से बंद पड़े दारुल उलूम को नवंबर में खोलने पर सहमति बन गई है। मजलिस-ए-शूरा में फैसला लिया गया है कि किसी भी बाहरी छात्र का प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस बार केवल देवबंद और उस्तादों के बच्चों का ही प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि अभी वार्षिक बजट समेत कई अहम मुद्दों पर फैसला नहीं लिया जा सका है।
यह भी पढ़ें- अलीगढ़: खिलौना-पिस्तौल की फ़ैक्ट्री में भीषण विस्फोट, चार की मौत, कई घायल

देवबंद दारुल उलूम के मेहमानखाने में चल रही मजलिस-ए-शूरा में दूसरे दिन बैठके के तीन चरण पूरे होने के बाद वार्षिक बजट समेत कई अहम मुद्दों पर सदस्य एकमत नहीं हुए है। वहीं, देशभर के छात्रों को राहत पहुंचाने के लिए दारुल उलूम को खोलने पर सभी सदस्य एकमत दिखाई दिए। उन्होंने सर्वसम्मति से सरकार की गाइडलाइंस आने पर 10 नवंबर से दारुल उलूम को खोलने पर सहमित दे दी है।
बैठक में सदर मुदर्रिस और शेखुल हदीस के पद को लेकर भी कोई फैसला नहीं हो सका है। सूत्रों की मानें तो जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी को सदर मुदर्रिस की जिम्मेदारी मिल सकती है। जबकि शेखुल हदीस मौलाना मुफ्ती हबीबुर्रहमान आजमगढ़ी को बनाया जा सकता है। वहीं, मोहतमिम को लेकर शूरा सदस्य बड़ा फैसला ले सकते हैं। माना जा रहा है कि मोहतमिम को उक्त पदों में से किसी एक की जिम्मेदारी मिल सकती है। वहीं मोहतमिम किसी ओर को बनाया जा सकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो