घटना के बाद कुतुबशेर पुलिस ने आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकालकर इन टप्पेबाजों की तलाश शुरू की थी। कुतुबशेर पुलिस की ओर से वायरल की गई सीसीटीवी फुटेज व क्राइम सीन के आधार पर दिल्ली पुलिस ने इन टप्पेबाजाें काे ट्रेस कर लिया और मदन पुरी इलाके से दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। इस दौरान एक और नाम सामने आया जो एक नाबालिग बच्चा है। पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में लिया। बताया जा रहा है कि व्यापारी की कार से गई पूरी रकम भी पुलिस ने बरामद कर ली है। यह गिरोह नाबालिग बच्चों से अपराध कराता है। इसके पीछे बड़ा कारण कानून के शिकंजे से बचना बताया जा रहा है। दरअसल भारतीय कानून में नाबालिग बच्चों के लिए सजा का प्रावधान कम है। कानून के इसी लचेलेपन का लाभ लेकर यह गिरोह वारदात करता रहा है। पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि इस गिरोह ने पूर्व में भी सहारनपुर में कई घटनाएं कर चुका है।
दक्षिणी दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने व्यापारी की कार से गई रकम काे बरामद कर लिया है। एक मीडिया रिपाेर्ट के अनुसार दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि शिकंजे में आया मुख्य आराेपी शंकर इंद्रपुरी का रहने वाला है जबकि दूसरा आराेपी नाबालिग है। दिल्ली पुलिस की पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि, सहारनपुर में ठगी के दौरान शंकर ने कार का कूलएंट गिरने का झांसा दिया था और इसी दौरान बेहद चतुराई से नाबालिक आरोपी ने गाड़ी से बैग उड़ा लिया था। दिल्ली पुलिस की अभी तक की छानबीन में यह बात भी साफ हो गई है कि शंकर शातिर अपराधी है। वह वर्ष 2015 में जेल जा चुका है। यह ठग गिरोह सहारनपुर में पहले भी थाना जनकपुरी व सदर क्षेत्र में इस तरह की घटना को अंजाम दे चुका है। अभी तक की पड़ताल में इस गिरोह के खिलाफ 9 से अधिक मुकदमे सामने आ चुके हैं।