वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए राष्ट्रपति से शरारती तत्वों द्वारा की जा रही घटनाओं पर प्रदेश सरकारों द्वारा रोक ना लगाए जाने पर नाराजगी भी व्यक्त की गई। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि अभी तक की घटनाओं में पुलिस द्वारा कार्रवाई के नाम पर की जा रही अनदेखी से इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों के हौंसले दिनों दिन बढ़ रहे हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट अपनी हिदायतें राज्य सरकारों को जारी कर चुका हैं। ज्ञापन में मृतक तबरेज की पत्नी को सरकारी नौकरी, परिवार को 50 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा और दोषी पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई करने एवं मॉब लिचिंग को आंतक की श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग की गई। साथ ही ज्ञापन में बुलंद शहर में इस्पेक्टर सुबोध कुमार के हत्यारों के खिलाफ रासूका में कार्रवाई की मांग की गई।