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मुफ्ती असद कासमी ने फतवे का समर्थन करते हुए कहा कि यह बात बिलकुल सही है। अगर किसी में कोरोना जैसी बिमारी पाई जाती है तो उसकी जांच कराना जरूरी है। जांच मे अगर कोरोना पाया जाता है तो उसका इलाज करना भी जरुरी है। कोरोना को छुपाना एक बड़ा जुर्म है। क्योंकि अगर इंसान को कोई बीमारी हो जाती है और बिमारी ऐसी हो जिससे दूसरे लोगों को भी नुकसान पहुंचने का खतरा हो तो ऐसी बिमारी को छुपाना नहीं चाहिए। चाहे वो कोरोना की शकल में हो या किसी और बीमारी की शकल में। यह भी पढ़ें