अधिकांश महिलाएं शर्म के कारण नहीं बताती ये बात, जानिए क्या कहते हैं सैक्साेलॉजिस्ट इस फतवे काे लेकर हमने मुस्लिम धार्मिक विद्वान मौलाना अथर उस्मानी से बात की ताे उन्हाेंने बताया कि मुस्लिम महिलाओं का ब्याह शादी में ही नहीं किसी अन्य फंक्शन में भी बिना बुर्के यानि बिना पर्दे जाना शरीयत के खिलाफ है। असल बात यह है कि औरतों के लिए पर्दे में रहना फर्ज है। शरीयत के हिसाब से मुस्लिम महिलाओं का बिना बुर्के के घर से बाहर जाना भी गुनाह है। इस्लाम में महिलाओं का बिना पर्दे कहीं भी जाना जायज नहीं है। इसलिए मुस्लिम महिलाओं को बिना बुर्के के घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। महिलाओं को बुर्का पहनकर ही ब्याह शादी और बाजार में जाना चाहिए।