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महिलाआें के पहनावे काे लेकर देवबंद दारुल उलूम से एक आैर फतवा जारी, जानिए किस तरह की ड्रैस काे बताया गलत

locationसहारनपुरPublished: Dec 02, 2018 10:10:50 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

देवबंद दारूल उलूम की आेर जारी एक फतवे में कहा गया है कि महिलाआें काे शादी-पार्टी में फैन्सी ड्रैस नहीं पहननी चाहिए जानिए क्या कहता है जारी यह नया फतवा

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सुफियान अल्वी/ देवबंद

महिलाओं के पहनावे काे लेकर, मेकअप करने काे लेकर, चूड़ियां पहनने काे लेकर आैर चमकीले व फैंसी बुर्के पहनने काे लेकर ताे फतवों की नगरी देवबंद स्थित दारुल उलूम से पहले ही फतवें जारी हाे चुके हैं अब ताजा फतवा निकाह में बुर्का पहनने काे लेकर आया है। दारुल उलूम ने महिलाओं के बगैर बुर्के निकाह या शादी पार्टी में शरीक हाेने काे गलत बताया है। फतवे में साफ कहा गया है कि बगैर बुर्का निकाह आैर शादी पार्टी में शामिल हाेना न सिर्फ गलत है बल्कि इस्लाम मे गुनाह है, शरीयत के खिलाफ है। उलेमाओं ने फतवे मे बताया कि ब्याह शादी में गैर मर्द भी आते हैं इसलिए महिलाओं को पर्दे मे रहकर ही ब्याह शादी में जना चाहिए। बुर्का मुस्लिम महिलाओं की पहचान और सभ्यता को दर्शाता है।
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इस फतवे काे लेकर हमने मुस्लिम धार्मिक विद्वान मौलाना अथर उस्मानी से बात की ताे उन्हाेंने बताया कि मुस्लिम महिलाओं का ब्याह शादी में ही नहीं किसी अन्य फंक्शन में भी बिना बुर्के यानि बिना पर्दे जाना शरीयत के खिलाफ है। असल बात यह है कि औरतों के लिए पर्दे में रहना फर्ज है। शरीयत के हिसाब से मुस्लिम महिलाओं का बिना बुर्के के घर से बाहर जाना भी गुनाह है। इस्लाम में महिलाओं का बिना पर्दे कहीं भी जाना जायज नहीं है। इसलिए मुस्लिम महिलाओं को बिना बुर्के के घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। महिलाओं को बुर्का पहनकर ही ब्याह शादी और बाजार में जाना चाहिए।

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