देवबन्दी आलीम ने कहा कि जिस तरीके से जायरा वसीम ने फिल्मी दुनिया को अलविदा कहते हुए और उअपना ताल्लुक फिल्मी दुनिया से तोड़ने का ऐलान किया है और अल्लाह से तालुक जोड़ना चाहती है, तो बड़ा ही स्वागत कदम है। उनका तो ऐसे जो भी है, नुसरत जहां या और कोई भी हजरात ऐसे हैं जो इस्लाम से फिर चुके हैं और इस्लाम से उनका का ताल्लुक नहीं है। तो हम ऐसे तमाम लोगों से दोबारा इस्लाम कबूल करने की दावत देते हैं।
उन्होंने कहा कि इस्लाम के अंदर किसी पर कोई जोर दबाव नहीं है। हर आदमी अपनी अपनी मर्जी का मालिक है। सिर्फ हम उनको राय दे सकते हैं, उन पर जोर दबाव हम बिल्कुल नहीं दे सकते। सिर्फ मशवरा उनको देते हैं कि जो उन्होंने कदम उठाया है इस्लाम और शरियत के अंदर ठीक नहीं है और उनको चाहिए कि वह दोबारा अल्लाह से तोबा कर के इस्लाम के अंदर दाखिल हो जाएं।