वहीं मोहम्मद ताहिदी के इस बयान पर जामिया हुसैनिया मदरसे के मौलाना तारिक कासमी ने कहा कि ये उनकी अपनी सोच है। वे सस्ती लोकप्रियता और मीडिया में आने के लिए इस तरीके की जुबान का इस्तेमाल करते हैं। रही बात इंडिया की तो भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मुसलमान मजहब को मानने वाला है। उसका पहला उसूल पूरी दुनिया में अमन कायम करना है। अगर वे इंडिया आएं तो उनका स्वागत है। वे जब यहां आएंगे तो उनकी सोच बदल जाएगी।
ये लिखा था ट्विटर पर बता दें कि कट्टर इस्लाम के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में आवाज उठाने वाले इमाम मोहम्मद ताहिदी एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं। सोमवार को ट्विटर पर उन्होंने भारत आने की इच्छा जताई थी। सोमवार को उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा कि क्या भारत में लोग मुझे जानते हैं, अगर हां तो ये ट्वीट 10 हजार की संख्या पार कर जाएगा। इसके बाद ताहिदी ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि अगर मैं भारत आया तो वहां के कट्टरवादी मुल्लाओं को इमरजेंसी छुट्टी लेकर मक्का जाना पड़ेगा। ताहिदी ने कहा था कि वह जनवरी 2018 में भारत का दौरा करेंगे। आपको बता दें कि ताहिदी के पहले ट्वीट को करीब 16,000 से ज्यादा रिट्वीट मिले। उनके ट्वीट पर कई लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ताहिदी का एक फाउंडेशन है और वे इस्लाम पर प्रवचन देने के लिए दुनियाभर में भ्रमण करते हैं। उनके बयान कई मुस्लिम धर्मगुरुओं को रास नहीं आते हैं, जिसके कारण व आलोचना का शिकार होते रहते हैं।
जानिये कौन हैं ताहिदी? आपको बता दें कि अभी कुछ समय पहले ही मेलबर्न में मोहम्मद ताहिदी पर हमला हुआ था। दो मुस्लिम युवकों ने उनकी कार पर हमला करते हुए लात-घूसों की बरसात कर दी थी। इसके बाद ताहिदी ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया धार्मिक कट्टरवादियों के लिए स्वर्ग बन रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले भी ताहिदी ने मुस्लिम महिलाओं के हिजाब पहनने की आलोचना की थी। कई मंचों पर उन्हें शरिया कानून अपनाने वाले मुस्लिम देशों की आलोचना करते हुए भी देखा गया है।