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कोविशील्ड और को-वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहा ‘शोध’ लोगों की अलग-अलग राय

locationसहारनपुरPublished: May 14, 2021 02:58:02 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

सोशल मीडिया social media ‘यूनिवर्सिटी’ पर को-वैक्सीन COVAXIN और कोविशील्ड covishield को लेकर अलग ही ‘शोध’ चल रहा है। कोई कोविशील्ड को बेहतर बता रहा है तो किसी का मत है कि को-वैक्सीन अच्छी है जबकि एक्सपर्ट के अनुसार दोनों ही दवाएं कारगर हैं और दोनों ही पूरी तरह से सेफ हैं।

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
सहारनपुर . कोरोना Corona virus संक्रमण के इस दौर में वैक्सीनेशन vaccination को लेकर भी लोगों की अलग-अलग राय है। कोविशील्ड Covishield Corona Vaccine और को-वैक्सीन COVAXIN को लेकर सबसे अधिक ‘शोध’ सोशल मीडिया social media पर चल रहा है। फेसबुक और व्हाट्सएप पर लोग इन दोनों वैक्सीन को लेकर अलग अलग राय दे रहे हैं. दोनों वैक्सीन को लेकर तुलनात्मक राय भी दी जा रही है। कुछ लोग को-वैक्सीन को बेहतर बता रहे हैं तो कुछ का अपना मत है कि कोविशील्ड ज्यादा बेहतर है। इन तर्क के बीच विशेषज्ञों का यही कहनाै है कि दोनों वैक्सीन बेहतर हैं। दोनों के ही रिजल्ट अच्छे हैं।
कोविशील्ड को लेकर ये है लोगों की राय
सोशल मीडिया पर कोविशील्ड oxfoed astraZeneca को लेकर जो लोग अपनी राय दे रहे हैं उनका कहना है कि कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और भारतीय विशेषज्ञों ने मिलकर बनाई है इसलिए यह दवा ज्यादा कारगर है। कोविशील्ड को इसलिए भी बेहतर बता रहे हैं कि इसका पता वैक्सीन लेने के बाद ही चल जाता है और वैक्सीन लेने के बाद व्यक्ति को बुखार आता है जिससे पता चल जाता है कि वैक्सीन काम कर रही है। लोग यह भी मत दे रहे हैं कोविशील्ड को दुनियाभर के 70 से अधिक देशों में लगाया जा रहा है इसलिए भी यह ज्यादा भरोसेमंद है।
को-वैक्सीन को लेकर ये हैं तर्क
को-वैक्सीन को लेकर लोगों व्हाट्सएप और फेसबुक पर अपनी राय देने वाले इस बात का दावा करते नहीं थक रहे कि को-वैक्सीन अधिक बेहतर है। को-वैक्सीन अधिक बेहतर बताने वालों की संख्या भी काफी अधिक है। इन लोगों का कहना है कि को-वैक्सीन को सीधे वायरस से बनाया गया है। इसलिए यह अधिक प्रभावशाली है और मानव शरीर पर इसके दुष्परिणाम भी कम दिखाई देते हैं। लोगों की राय है कि अब तक जिन्हे को-वैक्सीन लगी है उन्हें वैक्सीन लगवाने के बाद ज्यादा परेशानी नहीं हुई। लोग इस वैक्सीन को इस तर्क के आधार पर भी बेहतर बता रहे हैं कि 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को अधिकांश वैक्सीनेशन केंद्रों पर को वैक्सीन लगाई जा रही है। फ्रंटलाइनर को भी को वैक्सीन दी जा रही है और ऐसे में सोशल मीडिया पर यह चर्चा हो रही है कि को-वैक्सीन अधिक बेहतर है। देश के कुछ बड़े राजनीतिक चेहरों के नाम गिनाते हुए बताया जा रहा है कि उन्होंने भी खुद को-वैक्सीन लगवाई है इसिलए यह अधिक बेहतर है। एक बड़ा कारण यह भी बताया जा को-वैक्सीन महंगी है इसलिए भी इसलिए भी यह बेहतर है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का यही कहना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीनेशन बेहद आवश्यक है। सोशल मीडिया पर जो लोग लिख रहे हैं वह सभी सुनी-सुनाई बातें लिख रहे हैं। सच्चाई यह है कि दोनों ही दवाएं बेहतर हैं कुछ स्थानों पर कोविशील्ड लगाई जा रही है तो कुछ केंद्रों पर को-वैक्सीन दी जा रही है। दोनों दवाएं वायरस को रोकने में कारगर हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएस सोढी का कहना है कि लॉकडाउन में लोग खाली बैठे हैं और ऐसे में टाइम पास करने के लिए सोशल मीडिया पर अपना ज्ञान बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं देना है दोनों ही दवाएं पूरी तरह से वायरस से बचाने में कारगर हैं। फ्रंटलाइनर को केवल को वैक्सीन लगाई जा रही है ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कई ऐसे डॉक्टर हैं केविशील्ड लगवाई गई है। यह उपलब्धता के आधार पर दोनों ही दवाएं कारगर हैं।
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