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डॉक्टर दंपति ने हॉस्पिटल के बैनामें में कर अपवंचन, यानी स्टांप चाेरी की थी। उन्हाेंने हॉस्टिपल का बैनामा रिहायशी मकान में करा लिया था। शिकायत हाेने पर जांच हुई ताे हेराफेरी सामने आ गई। पता चला कि डॉक्टर दंपति ने इस तरह करीब 11 लाख आठ हजार रुपये कीमत के स्टांप की चाेरी की। इस पर अदालत ने डॉक्टर दंपति पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए कम स्टांप की रकम 1.5 प्रतिशत प्रतिमाह के हिसाब से मय ब्याज अदा करने के आदेश दिए हैं। यह भी पढ़ें
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यानि अब डॉक्टर दंपति की हाेशियारी उन्हे खुद ही भारी पड़ गई। 11 लाख रुपये बचाने के चक्कर में अब उन्हे 20 लाख रुपये तक अदा करने पड़ेंगे। इतना ही नहीं कर चाेरी का यह मामला सामने आने के बाद जिस तरह से डॉक्टर दंपति पर जुर्माना लगा है उससे वह सरकारी दस्तावेजाें में स्टांप चाेर भी साबित हाे गए हैं। यानि उनका रिकार्ड भी खराब हाे गया है। इन आदेशाें के बाद अब वह भविष्य में जाे भी जमीन खरीदेंगे उसकी भी जांच हाेगी। यह भी पढ़ें
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यह पूरा मामला दिल्ली राेड स्थित पेगासस हॉस्पिटल से जुड़ा हुआ है। रिहायशी इलाके आवास-विकास में स्थित इस हॉस्पिटल का बैनामा डॉक्टर राजीव तिवारी और उनकी पत्नी डॉक्टर शिप्रा तिवारी ने वर्ष 2017 में कराया था। संदेह हाेने पर उप निबंधक ने जांच के बाद फाइल जिला अधिकारी की अदालत में भेज दी थी। त्रिस्तरीय जांच में सामने आया कि डॉक्टर दंपति ने स्टांप घाैटाला किया है। जांच में सामने आया कि स्टांप शुल्क अंकन में 11 लाख 8 हजारक 380 रुपये की कमी है। यह भी पढ़ें