सितंबर में लगा था बैन सितंबर में केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट के उत्पादन और बिक्री पर बैन लगा दिया था। इसके तहत ई-सिगरेट को बनाने, आयात-निर्यात, बिक्री, स्टोर और विज्ञापन पर प्रतिबंध लग गया था। अब डीजीपी ओपी सिंह ने भी सभी जिलों के कप्तानों को ई-सिगरेट की बिक्री व स्टोर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ई-सिगरेट बनाते या बेचते पकड़े जाने पर एक लाख रुपये जुर्माना और एक साल की सजा का प्रावधान है। अगर आरोपी दोबारा अपराध करते पकड़ा जाता है तो तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ेगा। ई-सिगरेट स्टोर करके रखने पर छह माह की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
यह कहा एसपी ने इस बारे में सहारनपुर के एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि जनपद में प्रतिबंधित नशीली वस्तुओं के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है। मुख्यालय से आगे जो भी निर्देश प्राप्त होंगे, उनके अनुरूप कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, नोएडा में भी काफी पहले से ई-सिगरेट बेचने या बनाने वालों पर कार्रवाई की जाती रही है। जुलाई में नोएडा के सेक्टर-65 में पुलिस ने ई-सिगरेट बेचने के जुर्म में कई लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपी सॉफ्टवेयर कंपनी की आड़ में यह धंधा कर रहे थे।
क्या है ई-सिगरेट ई-सिगरेट बैट्री चालित डिवाइस है। यह एक ट्यूब के आकार में होती है। इसका बाहरी रूप सिगरेट और सिगार के जैसा बनाया जाता है। इसमें अंदर लिक्विड निकोटिन की कार्टेज होती है। इसमें लिक्विड निकोटीन जलता नहीं है। वह गर्म होकर भाप बन जाता है।
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