वर्तमान में शिवालिक की पहाड़ियों में तेंदुओं की संख्या 50 है। यह संख्या कितनी बढ़ी है इसका आकलन करने के लिए यहां पर जल्द ही हाई सेंस्टीविटी कैमरों से काउंटिंग शुरू की जाएगी। हाई डेफिनेशन वाले कैमरे किस तरह से काम करते हैं और इनसे काउंटिंग को किस तरह किया जाता है। इसका प्रशिक्षण बहराइच में सहारनपुर की वन विभाग कर्मियों को दिया जाएगा।
आपको बता दें कि सहारनपुर का शिवालिक जंगल राजाजी टाइगर रिजर्व के धोलखंड,चीलावाली और मोहंड रेंज में से जुड़ता है। इससे भी अधिक रौचक बात यह है कि मोहंड रेंज का आधा हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता है और आधा हिस्सा उत्तराखंड में शामिल है। यही कारण है कि वेस्ट यूपी में जब भी कोई तेंदुआ पकड़ा जाता है तो उसे सहारनपुर लाया जाता है और यहां पर शिवालिक के जंगलों में उसे छोड़ दिया जाता है। इसी क्रम में गुरुवार को भी अलीगढ़ से एक तेंदुआ पकड़ा गया जिसे शिवालिक के जंगलों में छोड़ दिया गया। इससे पहले आगरा जिले से पकड़े गए तेंदुए को भी शिवालिक के जंगलों में छोड़ा गया था पिछले तीन वर्षों में मेरठ नोएडा बिजनौर और गाजियाबाद से पकड़े गए तेंदुए भी शिवालिक के जंगलों में ही छोड़े गए हैं।
इससे लगातार शिवालिक के जंगलों में तेंदुआ का कुनबा बढ़ रहा है। तेंदुओं का यह बढ़ता कुनबा जंगल प्रेमियों और जंगल के लिए भी एक अच्छी बात है। शिवालिक डीएफओ श्वेता सिंह बताती हैं कि शिवालिक रेंज में वर्तमान में करीब 50 तेंदुए मौजूद हैं। तीन वर्षों में आठ तेंदुए वेस्ट यूपी के अलग-अलग जिलों से पकड़कर शिवालिक के जंगलों में छोड़े गए हैं। वर्तमान में शिवालिक के जंगलों में कौन-कौन से जानवरों की कितनी संख्या है इसका आकलन करने के लिए जल्द एक सर्वे किया जाएगा।