दरअसल दारुल उलूम निर्माणाधीन भवन में पत्थर लगाने के लिए मजदुरी का कार्य कर रहे 10 मजदूरों को फूड प्वाइंजनिंग (जहरीला भोजन) के सेवन चलते उन्हें सीएचसी में भर्ती कराया गया। जानकारी के मुताबिक किसी ठेकेदार द्वारा धोलपुर राजस्थान से पत्थर लगाने का कार्य करने को मजदूर बुलाए गए। जो दारुल उलूम क्षेत्र में ही रह रहे हैं और निर्माणाधीन भवन में ही अपना भोजन आदि स्वंय बनाकर खाते हैं। बताया जा रहा है बुधवार को मजूदरों ने रात्रि भोजन में चिकन बनाकर खाया था। जिसके बाद सबकी तबीयत बिगड़ गई।
रात भर उन्हें पेट में दर्द था, वहीं सुबह होते-होते उन्हें उल्टियों से उनकी हालत बिगड़ने लगी तो उन्हें अन्य मजदूरों ने उपचार के लिए गुरुवार सुबह सीएचसी में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद सभी मजदूरों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। वहीं, चर्चा यह भी है कि मजदूरों द्वारा बनाए जा रहे खाने में कोई जहरीला जानवर गिर जाने के कारण भोजन विशाक्त हो गया होगा जिसके चलते ही मजदूर फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए।