यह है मामला
दरअसल, केन्द्रीय अल्पसंख्यक क्ल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ऐलान किया है कि केन्द्र सरकार हज यात्रा पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म करने जा रही है। भाजपा सरकार में एकाएक हज यात्रा पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिए जाने की बात से कड़ाके की ठंड में राजनीति गरमा गई है। पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर बहस शुरू हो गई है। इसी बहस के बीच पत्रिका संवाददाता ने इस्लामिक शिक्षा के केंद्र देवबंद के कुछ आलिम से बात की तो उन्होंने कहा कि हज पर सब्सिडी खत्म कर दिए जाने से मुसलमानों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस्लाम के मुताबिक हज उसी को करना चाहिए, जिसके पास अपने पैसे हो। सरकार अभी तक सब्सिडी दे रही थी तो मुसलमान सब्सिडी ले रहे थे, लेकिन सब्सिडी बंद करने से मुसलमानों पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इस्लाम में हज के फ़र्ज़ है, जिसको उन्हें निभाना है और वह हज करने फिर भी जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा है कि पहले जितने लोग हज करने जाते थे, अब हज करने वालों की संख्या उससे कहीं ज्यादा अधिक बढ़ जाएगी। भाजपा जिस तरह का काम कर रही है, यह गलत है। देवबंद के आलिम ने एक ओर जहां यह कहा है कि हज यात्रा में सहायता लेना भी नहीं चाहिए और हज अपने ही पैसों से करनी चाहिए। इसलिए हज की सब्सिडी खत्म करने से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन दूसरी और उन्होंने भाजपा पर निशाना भी साधा और कहा कि भाजपा जब-जब सरकार में आती है तो वह मुस्लिम विरोधी काम करती है। इस तरह की राजनीति ठीक नहीं है। यानी वह इस फैसले से तो नाराज नहीं है, लेकिन यूपी से लेकर केन्द्र तक में मुसलमानों को केन्द्र में रखकर मुस्लिम विरोधी जो नियम कानून बनाए जा रहे हैं, उस बात से नाराज हैं। दारुल उलूम देवबंद के ऑनलाइन फतवा विभाग के मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि इस से भाजपा की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।