बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस शराब में एेसा क्या मिला था कि लाेग शराब पीते ही मरने लगे। इस जहरीली शराब काे पीकर जितने लाेग मरे हैं उनका बिसरा सुरक्षित करकेे लैब भे जा जा रहा है। शराब में काैन सा जहर मिला हुआ था ? इसकी पुष्टि ताे लैब से रिपाेर्ट आने के बाद ही हाे सकेगी, लेकिन फिलहाल यह आशंका जताई जा रही है कि शराब में ”रैट पाेइजन ” यानि चूहें मारने की दवा मिलाई गई थी। यह आशंका यूं ही नहीं जताई जा रही, खुद सहारनपुर जिलाधिकारी आलाेक कुमार ने कहा है कि अभी तक जांच पड़ताल आैर पूछताछ में यह बात सामने आई है कि कच्ची शराब में नशा अधिक करने के लिए चूहें मारने की दवा मिलाई जाती है। एेसे में यह आशंका जताई जा रही है कि इस मामले में भी चूहें मारने की दवा की मात्रा अधिक हाे गई आैर इस कारण इस शराब काे पीने वाले मरते चले गए।
क्या कहते हैं डॉक्टर सहारनपुर जिला अस्पताल में भर्ती हुए मरीजाें की केस हिस्ट्री आैर लक्षण काे देखते हुए डॉक्टराें ने बताया कि इस शराब ने लीवर पर अटैक किया आैर सांस लेने में लाेगाें काे दिक्कत हुई। लीवर आैर श्वसन क्रिया पर इस शराब इतना बड़ा अटैक किया कि लाेगाें काे बचाना मुश्किल हाे गया आैर लाेग एक के बाद एक मरने लगे।
चाराें आेर मचा है काेहराम सहारनपुर में जहरीली शराब ने घर के घर खाली कर दिए हैं आैर गांव-गांव काेहराम मचा हुआ है। बड़ी संख्या में लाेग अभी भी अपना उपचार अलग-अलग अस्पतालाें में करा रहे हैं। इस शराब में एेसा धीमा जहर मिला हुआ था कि लाेगाें ने अपने परिवार काे सदस्याें काे अपनी आंखाें के सामने तिल-तिल मरते हुए देखा। यही कारण है कि अब लाेगाें का गुस्सा फूट रहा है। रविवार काे महिलाआें ने सहारनपुर में ठेकाें में ताेड़फाेड़ करते हुए शराब की बाेतले सड़काें पर ताेड़ दी आैर पेटियाें काे आग लगा दी। गुस्साई महिलाआें ने सहारनपुर मुजफ्फरनगर हाईवे जाम कर दिया आैर अब भीम आर्मी ने कलक्ट्रेट परिसर में धरना दे दिया। विधान सभा में यह भी यह मुद्दा आज उठाया जा रहा है।