दरअसल सहारनपुर में जुमे की नमाज के बाद इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों ने घंटाघर चौक पर पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया था। इसके बाद जब फोर्स ने प्रदर्शनकारियों के वापस किया तो यही प्रदर्शनकारी मुख्य बाजार में जाकर उग्र हो गए थे। इन्होंने जबरन दुकानें बंद कराना शुरू कर दिया। इस दौरान जिन दुकानदारों ने विरोध किया उनका सामान जबरन अंदर डाला जाने लगा। ऐसे में हालात बेकाबू होते देख फोर्स ने लाठियां फटकार दी।
इससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई, हालात और बिगड़ने लगे। इसके बाद पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों के खदेड़ दिया। अब इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 20 से अधिक प्रदर्शनकारियों को जमानत भी मिल चुकी है। अब इस मामले में पुलिस मुख्य आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई करना चाहती है। इसी को लेकर मुस्लिम नेताओं का दर्द सामने आ रहा है।
पूर्व विधायक इमरान मसूद ने कहा है कि जूती चोर को जूती चोर की सजा दी जाती है। ऐसे में इन प्रदर्शनकारियों को जितनी सजा मिल चुकी है उतनी ही सजा उचित है। इनके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई करना उचित नहीं है। अपनी इसी मांग को लेकर इमरान मसूद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से मिले थे। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और प्रदर्शनकारियों को गलत ठहराते हुए पुलिस की कार्रवाई को भी गलत बताया। कहा कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई उचित नहीं है।