कांवड़ यात्रा बुधवार से शुरू हो गई थी। सहारनपुर में कांवड़ियों का आना भी बुधवार से ही शुरू हाे गया था। सहारनपुर काे कांवड़ यात्रा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि हिमाचल प्रदेश हरियाणा और पंजाब से आने वाले कावड़ियां सहारनपुर से हाेकर ही देवभूमि हरिद्वार जाते हैं और गंगाजल लेकर सहारनपुर से ही वापस भी आते हैं। ऐसे में अभी तक सहारनपुर व यमुनानगर के बीच देहरादून-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर डायवर्जन नहीं बनाए जाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई है।
मीटिंग से सीधे उत्तर प्रदेश हरियाणा बॉर्डर पर जा पहुंचे DM SSP कावड़ यात्रा 2019 की तैयारियों की समीक्षा के लिए गुरुवार सुबह दिल्ली रोड स्थित सर्किट हाउस में जिलाधिकारी और एसएसपी ने सभी विभागों की मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग में अन्य सभी विभागों की ओर से तो संतोषजनक कार्य होना बताया गया लेकिन जब राष्ट्रीय राजमार्ग बना रही एजेंसी की ओर से कांवड़ यात्रा काे लेकर काेई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो डीएम आलोक कुमार पांडे और एसएसपी दिनेश कुमार प्रशासनिक और पुलिस अमले के साथ सीधे मीटिंग से राष्ट्रीय राजमार्ग यानी कांवड़ मार्ग का निरीक्षण करने के लिए निकल पड़े।
कांवड़ यात्रा 2019 को लेकर इसलिए महत्वपूर्ण है सहारनपुर
दरअसल सहारनपुर एक ऐसा जिला है जिससे से होकर हरियाणा पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कांवडियां हरिद्वार जाते हैं। यह सभी कावड़िया शहर के बीचोबीच से निकल रहे देहरादून अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर जाते हैं और यही कारण है कि सहारनपुर को कांवड़ मेला के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण श्रेणी में रखा जाता है। यूपी के अन्य जिलों मेरठ और मुजफ्फरनगर की तरह ही सहारनपुर भी कावड़ यात्रा को लेकर बेहद संवेदनशील और प्रमुख जिलों में शुमार है।