सबसे पहले हम जिक्र करते हैं scss यानि सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम । अगर हम इसे सीधे शब्दों में कहें तो वरिष्ठ नागरिक बचत योजना इस योजना की सबसे पहली और खास बात यह है कि यह बचत योजना सिर्फ और सिर्फ 60 साल से अधिक आयु वालों के लिए हैं। बावजूद इसके कुछ खास लोगों को इस योजना में शामिल होने की छूट दी गई है। इनमे वीआरएस लेने वाले 55 से 60 साल के इन्वेस्टर या कहिए सुपर-एनुएटेड मतलब वयोवृद्ध और 50 साल से अधिक आयु के डिफेंस यानि रक्षा क्षेत्र से जुड़े जन भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इस योजना में अधिकतम 5 साल तक के लिए इन्वेस्ट किया जाता है लेकिन बाद में इसे तीन इसमें साल तक और बढ़ाया जा सकता है।वर्तमान में इस योजना के तहत लगेगी राशि पर 8.3% के हिसाब से हर 3 महीने पर ब्याज मिल रहा है। खास बात यह है कि निवेश अवधि पूर्ण हाेने तक यह फिक्स बना रहता है। इस योजना में किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट पर धारा 80 सी के तहत भी 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है, लेकिन यहां यह भी जान लेना जरूरी है कि इस योजना में अधिकतम 15 लाख रुपये ही इन्वेस्ट किए जा सकते हैं। सीनियर सिटिजंस के लिए यह अच्छे इन्वेस्टमेंट प्लान में से एक है। यह एक कम रिस्क वाला इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है आैर अच्छी बात यह है कि इस पर सुनिश्चित रिटर्न मिलता है। वरिष्ठ नागरिकाें काे सामान्य निवेश की तुलना में इस याेजना के तहत 0.25% से 0.50% ज्यादा ब्याज राशि मिलती है। सीनियर सिटिजंस को धारा 80 TTB के तहत फाईनेंंशियल इयर के दौरान मिलने वाली कुल ब्याज राशि की इनकम पर 50,000 रुपये तक का टैक्स छूट लाभ भी इस याेजना के तहत मिलता है।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम यानि POMIS अगर आप एक निश्चित रकम माह में निवेश करना चाहते हैं ताे आपके लिए यह याेजना बेहतर अॉप्शन है। इस याेजना में पांच साल के लिए इन्वेस्ट करना हाेता है। अगर आप दाे खातेदार हैं ताे अधिकतम 9 लाख रुपये और अगर आप एकल खातेदार हैं ताे अधिकतम 4.5 लाख रुपये इस याेजना के तहत निवेश कर सकते हैं। इसकी व्याज दर हर तिमाही पर निश्चित हाेती है। यहां यह जान लाने जारूरी है कि इस याेजना के तहत निवेश किए गए पैसे पर टैक्स लाभ नहीं मिलता है।
मंथली इनकम प्लान यानि MIP (म्यूचुअल फंड)
यह एक उन निवेशकाें के लिए जाे जाेखिम नहीं चाहते। अच्छी बात यह है कि इस प्लान में जाेखिम जितना कम है लाभ उतना ही अधिक है। एमआईपी में कोई भी इन्वेस्ट कर सकता है यहां उम्र सीमा की बाध्यता भी नहीं है लेकिन वरिष्ठ नागरिक यहां अच्छा रिटर्न पा सकते हैं। एमआईपी के तहत प्रमुख रूप से डेब्ट सिक्यॉरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता है लेकिन यह जान लेना भी जरूरी है कि पोर्टफोलियो का 10% से 30% हिस्सा इक्विटी में भी निवेश हाेता है। इससे पैसा सुरक्षित बना रहता है आैर इक्विटी से लम्बे समय में अच्छे लाभ मिलना भी लगभग तय रहता है। निवेश के इस विकल्प काे लघु या दीर्घ यानि शॉर्ट या लॉन्ग-टर्म रिटर्न या लाभ के लिए डेब्ट फंड पर लागू होने वाले नियम के अनुसार टैक्स लिया जाता है।
यह एक उन निवेशकाें के लिए जाे जाेखिम नहीं चाहते। अच्छी बात यह है कि इस प्लान में जाेखिम जितना कम है लाभ उतना ही अधिक है। एमआईपी में कोई भी इन्वेस्ट कर सकता है यहां उम्र सीमा की बाध्यता भी नहीं है लेकिन वरिष्ठ नागरिक यहां अच्छा रिटर्न पा सकते हैं। एमआईपी के तहत प्रमुख रूप से डेब्ट सिक्यॉरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता है लेकिन यह जान लेना भी जरूरी है कि पोर्टफोलियो का 10% से 30% हिस्सा इक्विटी में भी निवेश हाेता है। इससे पैसा सुरक्षित बना रहता है आैर इक्विटी से लम्बे समय में अच्छे लाभ मिलना भी लगभग तय रहता है। निवेश के इस विकल्प काे लघु या दीर्घ यानि शॉर्ट या लॉन्ग-टर्म रिटर्न या लाभ के लिए डेब्ट फंड पर लागू होने वाले नियम के अनुसार टैक्स लिया जाता है।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना यानि PMVVY
वरिष्ठ नागरिकाें के लिए प्रधानमंत्री वय वंदन याेजना भी एक निवेश का बेहतर विकल्प है। इस याेजना में वरिष्ठ नागरिक 15 लाख रुपये तक का इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। इस निवेश राशि पर उन्हें हर साल 8% की दर से सुनिश्चित रिटर्न मिलता है। इसमें निवेशकाें को 10 साल तक हर महीने एक बंधी पेंशन मिलती रहती है। इस एेसे समझ सकते हैं कि, यदि आप इस याेजना के तहत 15 लाख रुपये निवेश करते हैं तो आपको हर महीने लगगभग 10,000 रुपये पेंशन के रूप में मिलते रहेंगे।
वरिष्ठ नागरिकाें के लिए प्रधानमंत्री वय वंदन याेजना भी एक निवेश का बेहतर विकल्प है। इस याेजना में वरिष्ठ नागरिक 15 लाख रुपये तक का इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। इस निवेश राशि पर उन्हें हर साल 8% की दर से सुनिश्चित रिटर्न मिलता है। इसमें निवेशकाें को 10 साल तक हर महीने एक बंधी पेंशन मिलती रहती है। इस एेसे समझ सकते हैं कि, यदि आप इस याेजना के तहत 15 लाख रुपये निवेश करते हैं तो आपको हर महीने लगगभग 10,000 रुपये पेंशन के रूप में मिलते रहेंगे।