सहारनपुर उत्तर प्रदेश का ऐसा जिला है जिसकी सीमाएं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से जुड़ी हुई हैं। शिवालिक की पहाड़ियों का काफी हिस्सा सहारनपुर में भी आता है। वेस्ट यूपी में जहां भी तेंदुए मिलते हैं उन्हें शिवालिक की पहाड़ियों में छोड़ा जाता है और अभी तक पिछले तीन साल में शिवालिक की पहाड़ियों में आठ तेंदुए छोड़े जा चुके हैं। शिवालिक की पहाड़ियों में वर्तमान में 50 तेंदुए हुए हैं और अब मेरठ वाला तेंदुआ आने के बाद इनकी संख्या 51 हो जाएगी।
दरअसल मेरठ के पल्लवपुरम में तेंदुआ देखा गया था। इसे देखकर लोग दहशत में आ गए थे। इसके बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने लंबी मशक्कत के बाद तेंदुए को पकड़ लिया था। अब इसे सहारनपुर के शिवालिक के जंगलों में लाया जा रहा है। शिवालिक वन परीक्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व के धोल खंड, चिलावाली और मोहण्ड रेंज से लगता है। मोहण्ड रेंज का आधा हिस्सा उत्तराखंड में आता है और आधा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आता है।
यह काफी बड़ा एरिया है आपको बता दें कि एक तेंदुआ शिकार करने के लिए एक दिन में 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर लेता है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह पूरा वेस्ट यूपी के जंगलों से कहीं से निकलकर मेरठ पहुंच गया होगा। डीएफओ शिवालिक श्वेता सेन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मेरठ में गए पकड़े गए तेंदुए को सहारनपुर लाया जा रहा है। अब इसको शिवालिक के जंगलों में छोड़ा जाएगा।