घटना उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की है। फरवरी 2013 में नकुड़ थाने पहुंचे एक दो परिवारों ने एफआईआर दर्ज कराई थी। तहरीर में लिखा था कि दो युवकों ने स्कूल से लौट रही उनकी नाबालिग बोटियों को टाटा मैजिक में डाल लिया और अपहरण करके ले गए। बाद में उनके साथ गैंगरेप किया। दोनों दरिंदों ने छात्राओं को सात दिन तक एक कमरे में बंद करके रखा। यहां बारी-बारी से उनके साथ दुष्कर्म किया जाता रहा। इस बीच पुलिस छात्राओं की तलाश करती रही।
लंबी सुरागरसी और कड़ी मेहनत के बाद पुलिस काे एक सुराग हाथ लगा और करीब सात दिन बाद पुलिस ने दोनों छात्राओं को बरामद कर लिया। इस मामले में पुलिस ने आलम पुत्र रशीद और शमशाद पुत्र शब्बीर निवासी अंबेहटा पीर थाना नकुड के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने मामला ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जांच के दौरान पुलिस ने दोनों पर लगे आरोप सही पाए और इनके खिलाफ एक मजबूत चार्जशीट अदालत में पेश की। विशेष लोक अभियोजक निर्दोष कुमार ने बताया कि साक्ष्यों और गवाही के आधार पर न्यायालय ने दोनों को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। दोनों पर एक लाख छह हजार का अर्थदंड भी अदालत ने लगाया है। अदालत के इस फैसले के बाद दोनों पीड़िताओं के परिवारों को हल्की राहत जरूर मिली है लेकिन इन बच्चियों के साथ जो हुआ था उसे शायद ही ये दोनों परिवार कभी भूल पाएंगे।