यह अपने आप में इतनी रकम है कि इस कीमत से कई कालोनियों की सड़कें बन सकती थी लेकिन यह रकम केवल चूना छिड़कने में लगा दी गई। दरअसल शहर जब-जब वीआईपी दौरा होता है या पर्व त्यौहार होते हैं तो मुख्य चौराहों पर सड़क किनारे और बाजारों में चूना सड़कों के किनारे छिड़का जाता है। इसके लिए नगर निगम ने एक वर्ष में 2.37 करोड रुपए खर्च कर दिए।
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी वर्ष 2020 में एक करोड़ 67 लाख रुपए कीमत का चूना खरीदा गया था जिसे सड़कों किनारे डाला गया था। इसका उद्देश्य यही होता है कि साफ सफाई रहे और चूने की वजह से कीट पतंंगे मर जाएं लेकिन जितना बजट दिखाया गाय है वह वाकई हैरान कर देने वाला है। अब इस बजट के आने के बाद पार्षदों ने इस खरीददारी पर सवाल खड़े किए हैं।
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