सूप का ठेला लगाता है दीपक सहारनपुर के घंटाघर के पास रहने वाला दीपक अपने भाई के साथ घण्टा घर-कोर्ट रोड पर सूप की रेहड़ी लगता है। दोनों भाई शाम से लेकर देर रात तक सूप बेचते हैं और इससे इनके घर का गुजारा चलता है। बताया जाता है कि इन दिनों दीपक को कुछ पैसों की आवश्यकता थी और उसने अपने काम के लिए हाल ही में किसी से कुछ पैसा उधार भी लिया था यनि ऐसा नहीं है कि दीपक को पैसे की आवश्यकता नहीं थी बावजूद इसके, उसने इस रकम को अपने पास रखना नहीं चाहा और पुलिस को यह कहते हुए लौटा दिया कि हो सकता है यह किसी गरीब व्यक्ति के पैसे हों, पता नहीं कैसे उसने इस धन को कमाया होगा। इसलिए वह चाहता है कि पैसा जिसकी है, उस तक पहुंच जाए।
पुलिस ने तपाई दीपक की पीठ इस इमानदारी पर पुलिस ने दीपक की पीठ थपथफाई और पैसे को अपने पास रख लिया। दीपक से हमने इस मामले को लेकर बात की तो उसका कहना था कि वह भले ही थोड़ा कम कमाता है, लेकिन अपने और अपने परिवार के लिए उसे कोई कमी नहीं रहती। यही कारण कि उसने यह फैसा अपने पास नहीं रखा।
नोटों से भरी पॉलिथीन को लोग मारते रहे पैर
दीपक ने यह भी बताया कि नोटों की यह थैली सड़क पर पड़ी हुई थी और लोग इसको पैर मारते हुए आगे बढ़े जा रहे थे। शाम को जब वह रोजाना की तरह अपनी रेहड़ी लेकर आ रहा था तो उसका पैर भी इस पोलोथिन पर लगा तो पॉलिथीन फट गई, जिसमें से एक नोट उसको दिखाई दिया और उसने पॉलोथिन को उठाकर अपने पास रख लिया। दीपक का यह भी कहना है कि इसी दौरान एक व्यक्ति भी उसके पास पहुंचा और उसने कहा कि उसका पैर भी थैली में लगा था इसलिए दोनों आधे-आधे पैसे कर लेते हैं लेकिन दीपक ने साफ इनकार कर दिया।
कोतवाली सदर बाजार में रखी गई है यह रकम
दीपक ने जो पैसे पुलिस को लौटाए हैं वह कोतवाली सदर बाजार में रखे गए हैं, जिस व्यक्ति के यह पैसे हैं वह कोतवाली सदर बाजार से यह रकम ले सकता है।