दरअसल
लोकसभा चुनाव के बाद और
सपा से गठबंधन तोड़ने के बाद मायावती अब उप चुनाव को लेकर सक्रिय हो गईं हैं। इसी के तहत उन्होंने संगठन में अहम बदलाव भी किए हैं। मायावती ने अपने भाई
आनंद कुमार को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। वहीं भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी दी सौंपी है। तो वहीं मौजूदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम अब राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी संभालेंगे।
लेकिन मायावती के इस फैसले पर भीम आर्मी चीफ ने सवाल उठाते कहा है कि ‘कांशीराम की राजनीति राजकुमार बनाने की नहीं, बल्कि राजकुमारों को, रजवाड़ों को गिराने की थी। पंक्ति में आखिरी में खड़े बहुजन समाज के व्यक्ति को नेता बनाने की थी। चाहते तो वो भी अपनी विरासत अपने परिवार को दे सकते थे। बाकी कहने को ज्यादा कुछ बचा नंही है। बस आकाश आनंद जी को बधाई।
इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया कि मैंने चुनाव से पहले बार बार कहा था कि प्रमोशन में रिज़र्वेशन बिल पर अखिलेश यादव को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए तब आप चुप रहीं, अब जब चुनाव हार गए तो अब आपको प्रमोशन में रिज़र्वेशन बिल याद आ रहा है। बहुजन समाज अब आपके ( Mayawati ) बहकावे में नही आने वाला है।
आपको बता दें कि पश्चिमी यूपी के साथ ही भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के दलित युवाओं के बीच बढ़ते कद को भांपते हुए मायावती किसी खास युवा चेहरे की तलाश थी। इस बीच मायावती के भतीजे आकाश आनंद जो करीब दो साल पहले ही लंदन से मैनेजमेंट की डिग्री लेकर लौटे बुआ के साथ कई जगह दिखाई देने लगे। जिसके बाद माना जाने लगा है कि आने वाले समय में मायावती आकास उत्तराधिकारी हो सकते हैं। बहरहाल मायावती ने ऐसा कुछ भी ऐलान नहीं किया है लेकिन पार्टी में आकाश को शामिल कर और अहम जिम्मेदारी सौंप कर इसके संकेत दे दिए हैं।