scriptदारुल उलूम को आतंकवाद की जननी बताने पर मुस्लिम धर्मगुरु ने योगी सरकार से की ये बड़ी मांग | Muslim cleric statement on calling Darul Uloom the mother of terrorism | Patrika News

दारुल उलूम को आतंकवाद की जननी बताने पर मुस्लिम धर्मगुरु ने योगी सरकार से की ये बड़ी मांग

locationसहारनपुरPublished: Oct 20, 2019 04:36:26 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights- विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के बयान पर देवबंदी आलिम का पलटवार- अशद कासमी बोले- हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने वालों को जेल भेजे सरकार- कहा- दारूल उलूम हमेशा से अमन और शांति का पाठ पढ़ा रहा है

CM yogi

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देवबंद. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार द्वारा दारुल उलूम को आतंकवाद की जननी बताए जाने पर देवबंदी आलिम आगबबूला हो गए हैं। देवबंदी आलीम मुफ्ती अशद कासमी ने उनके बयान की निंदा करते हुए कहा कि ये वे लोग हैं, जिन्हें दारलूम देवबंद और हिंदुस्तान के इतिहास की जानकारी नहीं है। सरकार को चाहिए कि हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने वाले ऐसे फिरकापरस्त लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया जाए।
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मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अशद कासमी ने आलोक कुमार के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इन लोगों को दारूल उलूम देवबंद की तारीख का पता नहीं है। तारीख उठाकर देखे तो हिंदुस्तान को आजाद कराने में देवबंदी उलेमा और दारूल उलूम के अहम किरदार के बारे पता चलेगा। उन्होंने कहा कि हजरत शेखुल हिंद जैसी शख्सियत ने देश को आजादी दिलाने में अपने जान-माल की बाजी लगा दी थी।
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मुफ्ती अशद ने कहा कि दारूल उलूम पहली ऐसी संस्था है, जिसने हिंदुस्तान में पहली बार आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद की थी और बड़े पैमाने पर कॉन्फ्रेंस कर आतंकवाद की पुरजोर विरोध किया था। ऐसे फिरकापरस्त लोग दारूल उलूम आएं और आकर देखें कि यहां क्या पढ़ाया जाता है। उन्होंने कहा कि दारूल उलूम हमेशा से अमन और शांति का पाठ पढ़ा रहा है। इस्लाम में भी आतंकवाद की कोई जगह नहीं है। इस तरह के लोग दारूल उलूम को बदनाम करने का काम करते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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