फ्रांस की घटना को लेकर दुनियाभर के मुस्लिमों में गुस्सा है। इसी क्रम में जुमे की नमाज के बाद देवबंद में भी फ्रांस के खिलाफ एक बड़ा जलसा किया गया। इस जलसे में देवबंद दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम कारी उस्मान मंसूरपुरी के बेटे और आलिम मुफ्ती अफ्फान मंसूरपुरी ने कहा कि फ्रांस ने मुस्लिम दुश्मनी की नापाक शक्ल को पेश किया है। दुनिया के किसी भी कोने में मुसलमान मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
पूर्व विधायक माविया अली बोले कि यह राजनीतिक मामला नहीं है हमारी आन बान शान और हजरत मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी का मामला है। इसलिए सभी मुसलमानों को घर से बाहर निकाल कर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना चाहिए। दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर समेत मौलाना मुफ्ती आरिफ कासमी और मौलाना नदीमुलवाज़दी ने भी अपना विरोध जताते हुए कहा कि मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। कारी वासिफ कासमी, मुफ्ती तारिक कासमी और साद सिद्दीकी ने भी फ्रांस के खिलाफ जमकर अपने गुस्से का इजहार किया और भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की।
जलसा स्थल पर बड़ी संख्या में पहले ही फोर्स तैनात कर दिया गया था। जलसे में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए। इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति का पुतला जलाया गया। जलसे में शामिल वक्ताओं ने देवबंद एसडीएम के माध्यम से एक ज्ञापन भी सरकार को भेजा है जिसमें सरकार से इस पूरे मामले में हस्तक्षेप किए जाने की मांग की गई।