सहारनपुर

तिरंगे के साथ भूलकर भी ना करें ये काम

आईए जानते हैं तिरंगे के सम्मान में कुछ तथ्य, कुछ एेसी बातें जाे हममे से अधिकांश काे मालूम ही नहीं, तिरंगा के साथ कभी नहीं करना चाहिए यह काम

सहारनपुरJan 25, 2018 / 07:53 pm

shivmani tyagi

भारत का राष्ट्रीय ध्वज

सहारनपुर। राष्ट्रीय ध्वज यानि तिरंगा हर भारतीय की दिल की धड़कन है। हर भारतीय तिरंगे काे अपने आस-पास देखना चाहता है आैर राष्ट्रीय पर्व के माैके पर हर भारतीय की यह इच्छा हाेती है कि वह तिरंगा फहराए। एेसे में जरूरी है कि हमें तिरंगे के सम्मान की कुछ प्रमुख आैर बेसिक जानकारी नहीं हाेनी चाहिए। आज हम आपकाे एेसी ही कुछ बातें बताने जा रहे हैं। तिरंगा फहराते समय हम सभी काे इन बाताें का ध्यान रखना चाहिए। यह तिरंगे के सम्मान का मामला हाेने के साथ ही साथ कानून अपराध भी है। सहारनपुर जिलाधिकारी पीके पांडेय आैर एसएसपी बबलू कुमार ने गणतंत्र दिवस की संध्या पर सभी नागरिकाें से तिरंगे काे सम्मानित ढंग से फहराने की अपील करते हुए चेतावनी दी है कि यदि किसी ने तिरंगे का अपमान किया ताे उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
 

इन बाताें काे रखना हाेता है ध्यान

राष्ट्रीय ध्वज काे किसी भी अन्य समान के साथ या ध्वज में काेई सामान नहीं लपेटना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वजन काे किसी वाहन, रेलगाडी, नाव की टपेदार छत या बगल अथवा पिछले भाग को ढकने में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग इस प्रकार नहीं करना चाहिए आैर ना ही ध्वज काे एेसे रखना चाहिए जिससे उसके फटने की आशंका बूने वह फट जाए या गंदा हाे जाए। किसी भी भवन में पर्दा लगाने के काम में ध्लज या उसके जैसे दिखने वाले कपड़े का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। झंडे के फट जाने या मैला हो जाने की दशा में उसका निपटारा आदर पूर्वक एकांत स्थान पर करना चाहिए यहां फंटे हुए या गंदे हाे चुके झंडे काे पूरी तरह से मर्यादित ढंग से नष्ट कर जाना चाहिए। किसी भी पोशाक के रूप में राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग नहीं किया जा सकता। इसके अलावा गद्दियों, रूमालों, बक्सों अथवा नेपकिन पर राष्ट्रीय ध्वज का छापा या काढ़ा (कढ़ाई) नहीं जा सकता। राष्ट्रीय ध्वज पर किसी प्रकार के अक्षर नहीं लिखे जा सकते। किसी भी तरह के विज्ञापन के रूप में राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग नहीं किया जा सकता। राष्ट्रीय ध्वज को किसी वस्तु को प्राप्त करने, देने, पकड़ने या ले जाने वाले पात्र के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता। हमेशा ध्यान रखने वाली बात यह है कि विशेष अवसरों जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस एवं अन्य राष्ट्रीय दिवसों पर समारोह के एक अंग के रूप में झंडे को फहराये जाने से पूर्व उसमें फूलों की पंखुडियां रखने में कोई आपत्ति नहीं हाेती।
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