घटना मंगलवार देर शाम की है। देवबंद कस्बे से सटे भायला फाटक के पास कोई नवजात बच्ची को सड़क पर फेंक गया। इस बच्ची के पैर सड़क की तरफ थे और सड़क से गुजर रहे वाहनों ने इसके पैरों को बुरी तरह से कुचल दिया। बताया जाता है कि करीब 1 घंटे तक वाहन इस बच्ची के ऊपर से गुजरते रहे और यह दर्द से तड़पती रही। इसी सड़क से साइकिल से जा रहे एक व्यक्ति ने जब खून से लथपथ बच्ची को सड़क किनारे पड़े हुए देखा तो उसने डायल 100 को इस घटना की खबर की। सूचना पर पहुंची डायल 100 पुलिस टीम ने बच्ची को उठाकर अस्पताल भर्ती कराया, लेकिन तब तक इसकी हालत काफी नाजुक हो चुकी थी। बच्ची के दोनों पैरों को वाहन बुरी तरह से कुचल चुके थे। डॉक्टरों की टीम ने आनन-फानन में इसका उपचार शुरू किया, लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी डॉक्टर इसे बचा नहीं सके और देर रात बच्ची ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया।
शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा बुधवार सुबह पुलिस ने इस नवजात बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है। डॉक्टर अब इसके मृत शरीर का पोस्टमार्टम करके मौत के कारणों का पता लगाने की कोशिश करेंगे और पोस्टमार्टम के जरिए यह भी पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि इस बच्चे की उम्र कितनी है और लगभग कितनी देर तक यह सड़क पर पड़ी रही होगी।
जिसने भी सुना सहम गया नवजात बच्चे को मरने के लिए सड़क पर फेंक दिए जाने और उसके ऊपर से एक के बाद एक वाहनों के गुजरने की घटना जिसने भी सुनी वह सहम गया। जिस देश में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा प्रधानमंत्री दे रहे हों उस देश में इस तरह कि दिल को दहला देने वाली और मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना वाकई निंदनीय है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इस बच्ची को किसने सड़क पर मरने के लिए फेंका होगा।
डायल 100 की टीम को सैल्यूट नवजात बच्ची जब सड़क पर पड़ी हुई तड़प रही थी तो किसी की हिम्मत नहीं हुई कि उसको उठाकर अस्पताल तक पहुंचा दे। एक सूचना पर पहुंची पुलिस की डायल 100 टीम ने खून से लथपथ इस बच्चे को उठाया और अस्पताल लेकर पहुंची। एक जिम्मेदार मीडिया संस्थान होने के नाते हम बिना किसी झिझक के इस बच्ची को उठाकर अस्पताल ले जाने वाली पुलिस टीम के साथ हैं और बच्ची के सड़क पर पड़े होने की सूचना पुलिस को देने वाले व्यक्ति को भी धन्यवाद देते हैं। यह अलग बात है कि अगर पुलिस को सही समय पर सूचना मिल जाती और बच्ची को समय रहते अस्पताल भिजवा दिया जाता तो इसकी जान बचाई जा सकती थी।