सहारनपुर

घर-घर शौचालय निर्माण का बड़ा असर अब कम बीमार हो रहे लोग, चाैंका देने वाली है रिपाेर्ट

– स्वच्छ भारत अभियान का बड़ा असर घर-घर शौचालय बनने के बाद कम बीमार पड़ रहे लोग
– खुले शाैच करने से बढ़ती हैं बीमारियां फैलते हैं संक्रामक राेग

सहारनपुरApr 15, 2019 / 03:53 pm

shivmani tyagi

helth

सहारनपुर। जिले के डीएफ यानी खुले में शाेच मुक्त घाेषित हाेने के बाद जिला अस्पताल में राेगियाें की संख्या का ग्राफ गिर गया है। पिछवे वर्षाें की अपेक्षा देखा जाए ताे ओपीडी में राेजाना पहुंचने वाले राेगियाें की संख्या आधी रह गई है। इसके पीछे बड़ी वजह साफ सफाई काे माना जा रहा है। सारनपुर जिला अस्पताल के सीएमस मानते हैं कि गंदगी राेगाें का बड़ा कारण है और पिछले तीन वर्षाें में जिस तरह से लाेग साफ सफाई के प्रति जागरूक हुए और लाेगाें ने खुले में शाैच करना बंद किया ताे कहीं ना कहीं उसका असर अब इस तरह से सामने आ रहा है। ओपीडी में हर राेज आने वाले राेगियाें की संख्या में कमी आई है और संक्रामक राेग भी अब फैल रहे हैं।
सहारनपुर जिला अस्पताल में ओपीडी की ग्राफ 150 ही रह गया है। अप्रैल माह में सहारनपुर जिला अस्पताल की ओपीडी का ग्राफ 140 से 160 तक चल रहा है। यानि जिला अस्पताल की आोपीडी में राेजाना 140 से 160 तक राेगी पहुंच रहे हैं। पिछले वर्ष अप्रैल माह में यह आकड़ा 200 से अधिक था अगर हम उससे भी पीछे जाएं ताे वर्ष 2017 में यही संख्या 300 तक थी, वर्ष 2016 में ओपीडी में पहुंचने वाले रोगियों की संख्या 300 से भी अधिक थी। यह आकड़े अप्रैल माह के हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 2016 में मई और जून माह में सहारनपुर जिला अस्पताल की ओपीडी की संख्या 1800 से भी अधिक पहुंच गई थी। यानी मई और जून माह में जिला अस्पताल में रोजाना 1800 से भी अधिक मरीज पहुंच रहे थे। इस बार अप्रैल माह में ओपीडी का ग्राफ 150 तक है और ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि मई जून माह में भी ओपीडी का ग्राफ अधिकतम 700- 800 तक ही पहुंचेगा। अगर इस आंकड़े की तुलना की जाए तो यह पिछले वर्षो की अपेक्षा आधा ही रह गया है। यानी साफ सफाई और घर-घर शौचालय बनने का बड़ा असर देखने को मिला है। लोग अब कम बीमार हो रहे हैं। संक्रामक रोगों में भी आई कमी सहारनपुर जिला अस्पताल के चीफ मेडिकल ऑफिसर सीएमओ बीएस सोढी मानते हैं की साफ सफाई का काफी असर है। जिला अस्पताल में पहुंचने वाले रोगियों की संख्या आधी रह गई है। संक्रामक रोगों की संख्या में भी कमी आई है और अब मलेरिया का ग्राफ भी नीचे गिर गया है। ओपीडी में भी रोजाना पहुंच रहे रोगियों की संख्या में कमी है। डॉक्टर अब राेगियाें की संख्या कम हाेने की वजह से डॉक्टर अब राेगियाें काे और भी बेहतर ढंग से अटैंड कर रहे हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि अब ओपीडी में मारामारी नहीं है।
 

क्या कहती हैं जिला मलेरिया अधिकारी

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ शिवांका गाैड का कहना है कि पिछले 3 वर्षों के आंकड़े बेहद चौका देने वाले हैं। लगातार मलेरिया राेग और संक्रामक राेगाें में कमी आ रही है। इसका सीधा असर साफ सफाई से जुड़ा हुआ है। वर्ष 2017 में सहारनपुर जिले में 1141 मलेरिया के पॉजिटिव के सामने आए थे और वर्ष 2018 में यह संख्या घटकर मात्र 389 रह गई थी। अगर पिछले वर्ष की बात की जाए तो वर्ष 2018 में अप्रैल माह में 15350 स्लाइड बनाई गई जिनमें से 10 पॉजिटिव केस सामने आए थे। इसके सापेक्ष वर्ष 2019 में अब तक 17000 से अधिक स्लाइड बनाई जा चुकी हैं और महज 4 केस ही पॉजिटिव आए हैं। यह आंकड़ा अपने आप में बताता है कि साफ सफाई का काफी असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ा है और अब लोग पहले से कम बीमार पड़ रहे हैं।
 

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