स्टिंग के बाद अलर्ट हई पुलिस पत्रिका के स्टिंग की खबर जैसे ही एसएसपी बबलू कुमार तक पहुंची, उन्होंने तुरंत कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए। पुलिस की टीम जब छापेमारी करने के लिए तीनों केन्द्रों पर पहुंची तो हकीकत देखकर वह भी हैरान रह गई। तीनों जांच केन्द्रों पर मशीन खराब थी। दो को पुलिस ने तुरंत कब्जे में ले लिया, जबकि तीसरा संचालक भागने में कामयाब हो गया। पुलिस ने तीन जांच केन्द्रों से कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान उन्होंने कबूला कि काफी समय से वो बिना चेक किए ही फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र दे रहे हैं। उनका यह भी कहना था कि यह आदेश जांच एजेंसी के मालिक ने खुद दिया था।
टूरिस्ट का भी बना दिया फर्जी प्रमाण पत्र पुलिस जब छापेमारी करने पहुंची तो उससे पहले एक जांच एजेंसी पर हिमाचल प्रदेश का परिवार जो हरिद्वार जा रहा था, वह भी अपने वाहन का प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवा रहा था। उनका प्रमाण पत्र भी बिना वाहन चेक किए ही तैयार कर दिया गया था। पुलिस को देखते ही उनलोगों ने इसकी शिकायत की। पुलिस ने हिमाचल के इस परिवार की ओर से भी तहरीर ली है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे हुआ था स्टिंग ऑपरेशन पिछले कुछ समय से हमें सूचना मिल रही थी कि यस पर्यावरण समिति और पर्यावरण कल्याण वेलफेयर समिति की ओर पैसे लेकर फर्जी तरीके से प्रदूषण नियंत्रित प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। मामले की सच्चाई जानने के लिए हम भी पहुंच गए पर्यावरण समिति और पर्यावरण कल्याण वेलफेयर समिति की ओर से चलाये जा रहे प्रदूषण नियंत्रित प्रमाण पत्र केंद्र पर। हमारे पास बाइक संख्या यूपी 11 ए आर 8815 थी, तो हमने सोचा इसी बाइक का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र बनवाया जाए। जांच केंद्रों पर मौजूद केंद्र संचालकों ने केवल बाइक का नंबर और निर्माण वर्ष पूछा और उसके बाद हमारे हाथ में प्रदूषण नियंत्रित प्रमाण पत्र थमा दिया। इसके लिए हमसे 30 रुपये के बदले 40 रुपये लिए गए।
देखिए स्टिंग का वीडियो-